गोरखपुर: चुनावी प्रक्रिया नेताओं के चाल-चरित्र और आपराधिक रिकॉर्ड के साथ उनकी हैसियत भी बता देती है. उनकी कमाई का स्रोत क्या है? उनके पास कितना धन है और किस तरह की गाड़ी और असलहे के वह शौकीन हैं यह सब चुनाव से जुड़े नामांकन के हलफनामे से बाहर आ जाता है. गोरखपुर की बात करें तो यूपी विधानसभा चुनाव 2022 के लिए चल रहे नामांकन में बीजेपी के मौजूदा विधायकों जिन्होंने प्रत्याशी के रूप में एक बार फिर नामांकन दाखिल किया है उनकी संपत्ति पिछले 5 सालों में लाखों नहीं करोड़ों में बढ़ी है.
यह कमाई के मामले में सीएम योगी आदित्यनाथ से भी काफी आगे निकल गए हैं. सीएम योगी के पास उनके हलफनामे के अनुसार जहां एक करोड़ 54 लाख 54 हजार रुपये की संपत्ति है तो बीजेपी के विधायक 16 करोड़ से लेकर 26 करोड़ तक की संपत्ति के मालिक हैं. यही नहीं पिछले 5 सालों में इनकी संपत्ति में 10 से 20 प्रतिशत का इजाफा हुआ है. हैरानी की बात है कि इतनी संपत्ति होने के बावजूद यह सब कर्जदार भी हैं.
सबसे पहले बात करते हैं जिले की बांसगांव विधानसभा क्षेत्र की. यह सीट सुरक्षित श्रेणी की है और इस पर 2017 में डॉक्टर विमलेश पासवान बीजेपी के प्रत्याशी के तौर पर जीत हासिल करने में कामयाब हुए थे. वह पेशे से दंत चिकित्सक हैं, लेकिन उनकी मौजूदा हैसियत 26 करोड़ 16 लाख रुपये की है. यह हैसियत ही हैरानी पैदा कर रही है. 2017 में इनकी हैसियत 2 करोड़ 18 लाख रुपये की थी, जिसमें चल-अचल संपत्ति शामिल थी. इतनी हैसियत के बाद भी डॉक्टर 2 करोड़ 92 लाख के कर्जदार हैं. इनपर कोई आपराधिक मामला नहीं है.
लग्जरी गाड़ियां भी इनकी शौक में शामिल हैं. यह मजबूत राजनीति घराने से आते हैं. इनके बड़े भाई बांसगांव संसदीय क्षेत्र से बीजेपी के टिकट पर तीन बार से सांसद हैं. मां भी सांसद और जिला पंचायत अध्यक्ष रहीं तो पिता बाहुबली विधायक रहे हैं. इसी प्रकार पिपराइच विधानसभा के मौजूदा बीजेपी विधायक महेंद्र पाल सिंह की हैसियत पिछले 5 साल में 92 लाख बढ़ी है. उनकी कुल चल-अचल संपत्ति हलफनामे के अनुसार वर्तमान में 15 करोड़ 15 लाख है. हालांकि 2017 में उन्होंने अपनी हैसियत 14 करोड़ 23 लाख दिखाई थी. यह ईंट-भट्ठे के कारोबारी और कई बार ब्लॉक प्रमुख रहे हैं. सीएम योगी के भरोसेमंद होने का इन्हें लाभ प्रत्याशी के रूप में फिर मिला है. रिवाल्वर के साथ जमीन और फ्लैट भी इन्होंने लखनऊ में खरीदा है.