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गोरखपुर: दो सगे भाई मिले कोरोना पॉजिटिव, संक्रमितों की संख्या हुई 126 - coronavirus

गोरखपुर में कोरोना पॉजिटिव मरीजों की संख्या लगातार बढ़ रही है. इसी बीच एक ही परिवार के दो सगे भाइयों में कोरोना संक्रमण की पुष्टि होने के बाद शहर के दिव्य नगर इलाके को सील कर दिया गया है. वहीं संक्रमित हुए दोनों भाइयों के संपर्क में आने वाले लोगों की तलाश भी प्रशासन के लिए सिरदर्द बन गई है.

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डीएम के विजयेंद्र पांडियन.

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Published : Jun 6, 2020, 1:04 PM IST

गोरखपुर: जिले में शुक्रवार शाम तक कुल 6 कोरोना पॉजिटिव केस सामने आए, जिसमें से दो सगे भाई भी शामिल हैं. मौजूदा समय में जिले में कुल संक्रमितों की संख्या 126 हो चुकी है. वहीं अभी तक इससे 7 लोगों की मौत हो चुकी है. जबकि 35 लोग ठीक होकर घर भी जा चुके हैं. बीआरडी मेडिकल कॉलेज में गोरखपुर- बस्ती मंडल की चल रही जांच के क्रम में सिर्फ एक दिन में 676 मरीज निगेटिव पाए गए हैं, जबकि 33 कोरोना संक्रमित हैं.

दोनों सगे भाई जिनमें संक्रमण की पुष्टि हुई है, उनकी जांच संजय गांधी पोस्टग्रेजुएट इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज लखनऊ से हुई है. यह दोनों भाई 10 मार्च को अपनी मां के इलाज के लिए मुंबई गए थे. युवक कार से माता- पिता, पत्नी और दो बच्चों के साथ 21 मई को गोरखपुर आ गया था. तबीयत खराब होने पर उसने आसपास के मेडिकल स्टोर से दवाई ली. उसके बाद जिला अस्पताल गया. वहां से उसका नमूना जांच के लिए मेडिकल कॉलेज भेजा गया जहां, रिपोर्ट निगेटिव आई.

एसजीपीजीआई में आई रिपोर्ट पॉजिटिव
इसके बाद उसकी तबीयत फिर बिगड़ी, जिसके बाद उसका छोटा भाई उसे लेकर लखनऊ एसजीपीजीआई गया. वहां दोनों के नमूने लिए गए, जिसमें बड़े भाई की रिपोर्ट पॉजिटिव आ गई और उसे वहीं भर्ती कर लिया गया. इसके बाद छोटा भाई घर आ गया. शुक्रवार की शाम उसकी भी रिपोर्ट पॉजिटिव आई, जिसके बाद उसे आनन-फानन में रेलवे अस्पताल में भर्ती कराया गया और उसके घर को सील कर दिया गया है.

गोरखपुर में कोरोना संक्रमण से 7 मौतें
जिले में कोरोना वायरस से अब तक 7 मौतें हुई हैं. इन मरीजों की हिस्ट्री पर नजर डालें तो पता चलता है कि संक्रमण ने केवल उन्हीं मरीजों की जान ली, जो लंबे समय से गंभीर बीमारी से ग्रस्त थे. उनकी रोग प्रतिरोधक क्षमता कम हो गई थी. ये सभी मरीज मुंबई से ही गोरखपुर आए थे. पहली मौत एक बुजुर्ग की हुई थी, जो लंबे समय से किडनी की बीमारी से ग्रसित था. इसके बाद शुगर और लीवर की खराबी के साथ सांस फूलने और फेफड़े में संक्रमण होने की वजह से उम्र दराज मरीजों की मौत हुई थी. फिलहाल, जिला प्रशासन और स्वास्थ्य महकमा सक्रियता के साथ संक्रमित मिलने वाले इलाकों का सैनिटाइज कराने में जुटा है. डीएम के विजयेंद्र पांडियन ने ये जानकारी दी है.

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