गोरखपुर:कई तरह की नई व्यवस्थाओं को लागू करने के लिए मुख्यमंत्री का शहर गोरखपुर प्रयोगशाला बन चुका है. पहली बार शहर की यातायात व्यवस्था को दुरुस्त करने के लिए यहां ट्रैफिक के पांच थाने बनाए जाएंगे. एसएसपी डॉ. सुनील गुप्ता ने जो प्लान तैयार किया है, उसके लिए उन्हें सिविल पुलिस के जवानों के अलावा होमगार्डों की संख्या बढ़ानी है. इस व्यवस्था के लागू हो जाने से अब तक चली आ रही सेंट्रलाइज्ड व्यवस्था का विकेंद्रीकरण हो जाएगा, जिससे यातायात व्यवस्था सुधरने की उम्मीद है. वहीं ड्यूटी पर आने वाले होमगार्ड जवानों को भी राहत मिलेगी.
जानकारी देते एसएसपी डॉ. सुनील गुप्ता. विकसित होते गोरखपुर में ट्रैफिक का दबाव लगातार बढ़ रहा है. वाहनों की संख्या भी बढ़ रही है, जिससे शहर अक्सर जाम की समस्या से जूझ रहा है. इससे लोगों को निजात दिलाने के लिए एसएसपी ने प्लान तैयार किया है, जब यह प्लान मूर्त रूप लेगा तो गोरखपुर शहर को 5 जोन में बांटते हुए पांच स्थानों का निर्माण किया जाएगा.
सिपाही और होमगार्डों को होगी सहूलियत
इन थानों पर ट्रैफिक इंस्पेक्टर तैनात होंगे. अभी तक सिर्फ दो ट्रैफिक इंस्पेक्टर से शहर की व्यवस्था नियंत्रित की जा रही है. यही नहीं ट्रैफिक के सिपाही और होमगार्ड की ड्यूटी आवंटन में भी इससे सहूलियत होगी. जिन थाना क्षेत्रों से जुड़े हुए कर्मचारी होंगे, वह इस व्यवस्था के तहत ड्यूटी के लिए अपने निकट के थाने पर ही रिपोर्ट करेंगे.
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ट्रैफिक समस्या से निजात के लिए शुरू हो रही व्यवस्था
गोरखपुर शहर की आबादी 12 लाख से ज्यादा है. यहां पर लगातार होते विकास से बिहार प्रदेश के अलावा अन्य जगहों से भी लोग व्यापार और निवास के लिए आ रहे हैं. सड़के वही हैं, संसाधन वही हैं. यही वजह है कि बढ़ती हुई भीड़ लोगों के लिए समस्या बन गई है. इस समस्या से लोग तब और भी परेशान होते हैं, जब मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ शहर में आते हैं. इस दौरान होने वाली अव्यवस्था ने ही अधिकारियों को सुधार पर सोचने को मजबूर किया, जिसके लिए यह पहल शुरू हो रही है.