गोरखपुरःएक सप्ताह से महंगाई को लेकर पूरे देश में चर्चा का विषय बने टमाटर की अब तस्करी भी शुरू हो गई है. अभी तक टमाटर को चोरी करने, या उसकी सुरक्षा में सीसीटीवी कैमरा या गार्ड लगाने के ही मामले सामने आ रहे थे. लेकिन, अब तस्करी का मामला सामने आया है. नेपाल से भारत में टमाटर की तस्करी हो रही है.
भारत- नेपाल का जो सोनौली बॉर्डर है वहां वैधानिक और अवैधानिक गतिविधियों की जांच पड़ताल का बड़ा केंद्र है. सोने से लेकर इलेक्ट्रॉनिक आइटम और नेपाली सुपारी, कत्था जैसी चीजों की तस्करी अभी तक यहां पकड़ी गई है. लेकिन, अब इस बॉर्डर से टमाटर की भी तस्करी हो रही है. 8 जुलाई 2023 को कस्टम विभाग ने करीब 3 टन से ज्यादा टमाटर पकड़ा था. इसे हानिकारक बताते हुए नष्ट करने के आदेश हुए थे.
कैसे शुरू हुई टमाटर की तस्करीःयही आदेश तस्करों के लिए फायदेमंद हो गया और कस्टम के लिए गले की फांस बन गया. जिन अधिकारियों और कर्मचारियों पर टमाटर को नष्ट करने की जिम्मेदारी थी उन्होंने कुछ टमाटर नष्ट किए और बाकी तस्करों को सौंप दिए. तस्कर उस टमाटर को लेकर गोरखपुर के लिए रवाना हो गए. लेकिन, 2 घंटे के बाद ही नौतनवा पुलिस ने उनको पकड़ लिया और तस्करी का भेद खुल गया. लेकिन तस्करों का खेल इसके बाद भी बंद नहीं हुआ.
नेपाल में सस्ता है टमाटरःगोरखपुर की मंडियों के थोक विक्रेताओं की मानें तो यहां बेंगलुरु और महाराष्ट्र के नासिक से टमाटर आता है. लेकिन, अब नेपाली टमाटर भी पहुंच रहा है. नेपाली टमाटर का रास्ता बदल गया है. वहां से टमाटर वाया बिहार पहुंच रहा है. मंडी के विश्वस्त सूत्रों की मानें तो यह टमाटर नेपाल से निकलकर बिहार होते हुए गोरखपुर पहुंच रहा है.
रास्ता बदलकर गोरखपुर पहुंच रहा टमाटरः भारत नेपाल के सोनौली सीमा पर इसके पकड़े जाने के बाद तस्करों ने रास्ता बदल दिया है और वह बगहा, पश्चिमी चंपारण होते हुए टमाटर की खेप बिहार में पहुंचा रहे हैं. जहां से यह ट्रकों के जरिए गोरखपुर मंडी में पहुंच रहा है. सस्ता होने के कारण नेपाली टमाटर की तस्करी बढ़ गई है. हालांकि, यह जल्दी गल जाते हैं और कुछ हानिकारक होते हैं.