गोरखपुर :चौरी-चौरा तहसील क्षेत्र के डुमरी, चौरी, राजधानी में तीन दर्जन से अधिक अकाल मौतें हो चुकी हैं. निगरानी समितियों के लगातार युद्ध स्तर पर लगे रहने के बाद भी गांवों में कोरोना का प्रकोप नहीं थम रहा है. वहीं जिले के गौनर गांव में चौपाल लगाकर कमिश्नर ने जिले के आलाधिकारियों, डॉक्टर्स, आशा, आंगन बाड़ी कार्यकत्रियों सहित सभी टीमों से एक-एक करके उनसे जानने की कोशिश की, कि चूक कहां से हो रही है.
निगरानी समितियों का जवाब
कोरोना की दूसरी लहर में निगरानी समितियों को प्रशासन कोरोना को हराने के लिए ढाल की तरह देख रहा है. कमिश्नर जयंत नार्लीकर का जवाब देते हुए गौंनर गांव की निगरानी समिति की एक आशा कार्यकत्री ने कहा कि लोग जांच कराने से बच रहे हैं. ग्रामीण जनता हमारा स्पोर्ट नहीं कर रही है. हालांकि हम लोग अपनी जिम्मेदारियों के अनुसार लोगों के सर्दी-जुखाम सहित अन्य लक्षण दिखने के बाद उनको सम्बंधित दवा और जांच कराने के लिए निवेदन कर रहे हैं. डॉक्टरों की टीम गांव-गांव जाकर चिन्हित लोगों की जांच कर सलाह दे रही है. वहीं मुख्य विकास अधिकारी इंद्रजीत सिंह ने गौंनर गांव की जिम्मेदारी स्वयं ली है. उन्होंने कहा है कि वे नियमित गौंनर गांव का जायजा कर अपनी निगरानी में रखकर यहां से कोरोना को हराने के लिए निगरानी समिति के सदस्यों के साथ निरीक्षण करेंगे.
कोरोना के प्रकोप को रोकने के लिए कमिश्नर ने चौरी चौरा में लगाई चौपाल - कोरोना को लेकर कमिश्नर ने की बैठक
गोरखपुर जिले के चौरी-चौरा तहसील क्षेत्र के गावों में कोरोना का कहर जारी है. सबसे अधिक कोरोना मरीजों संख्या गौंनर गाव में है. बुधवार दोपहर को कमिश्नर जयंत नार्लीकर ने सभी विभागों के जिम्मेदारों व निगरानी समिति के सदस्यों के साथ कोरोना के बढ़ते प्रकोप को रोकने के लिए घण्टों बैठक किया.
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ईटीवी भारत से बात करते हुए कमिश्नर ने कहा कि इस समय गोरखपुर में 8 हजार लोगों की जांच हो रही है. टेस्ट अधिक होना महत्वपूर्ण नहीं है. कोरोना टेस्ट अधिक होना मायने नहीं रखता. टेस्ट सही आदमी का होना चाहिए. जैसे कोरोना मरीजों के परिवार के लोगों के टेस्ट को प्राथमिकता दिया जाना चाहिए. ईटीवी के माध्यम से कमिश्नर ने लोगों से कहा है कि जिनका भी लक्षण है वे सामने आएं. कोरोना पॉजिटिव होना समस्या नहीं है. होम आइसोलेशन में 95 प्रतिशत लोग ठीक हो रहे हैं. कुछ प्रतिशत लोगों को ही हॉस्पिटल में भर्ती कराने की स्थित आ रही है. अन्य जगहों पर यह प्रतिशत दर और कम है. इसलिए पॉजिटिव होने के या लक्षण दिखने पर हम निगरानी समिति या अन्य टीम के माध्यम से दवा देंगे. आपको दवा नियम के अनुसार खानी है. कोरोना संक्रमित होने पर अपने को परिवार से अलग कर लीजिए. कोई समस्या होने पर निगरानी समिति को बताएं.