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परिवार पर कहर बनकर टूटा कोरोना, एक माह में निगल गया तीन जिंदगियां

कोविड-19 का संक्रमण किसी-किसी परिवार पर कहर बन कर टूटा है. गोरखपुर में संक्रमण एक ही परिवार के तीन लोगों को निगल गया. एक-एक करके माह भर के भीतर पति-पत्नी और बेटी ने दम तोड़ दिया.

कोरोना से एक घर के 3 लोगों की मौत
कोरोना से एक घर के 3 लोगों की मौत

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Published : May 22, 2021, 1:17 PM IST

गोरखपुर: कोरोना का संक्रमण लोगों को जीवन भर का जख्म दे दिया है. शहर के हुमायूंपुर मोहल्ला निवासी एक दवा कारोबारी ने संक्रमित होकर जहां अपनी जान गंवाई, वहीं उनकी पत्नी और बेटी ने भी इस महामारी की वजह से दम तोड़ दिया. मां-बाप जब कोविड-19 की चपेट में आए तो उनकी बेटी ही उनकी देखभाल में जुटी हुई थी. इस बीच इलाज के दौरान दवा कारोबारी और उनकी पत्नी ने दम तोड़ दिया. वहीं संक्रमित हुई बेटी ने भी मां-बाप की मौत के कुछ ही बाद अपने प्राण गवां दिए. महीने भर के अंदर हुई तीन मौतों से पूरा परिवार टूट गया है. परिवार के लोग महामारी से सहम गए हैं.

मरने वालों में पति-पत्नी और बेटी शामिल
मोहल्ला हुमायूंपुर निवासी शिवजी तिवारी(70) दवा के कारोबारी थे. वो अप्रैल महीने में संक्रमित हुए. उनका इलाज भी अभी नहीं ढंग से हुआ कि उन्होंने दम तोड़ दिया. पिता की मौत के बाद बेटी आशा देवी मां को सहारा देने मायके आ गई. इस दौरान उनकी मां कमला देवी भी बीमार पड़ गईं. उनकी जांच रिपोर्ट भी कोरोना पॉजिटिव पाई गई. कुछ दिनों के लिए घर में आइसोलेट रखकर आशा देवी का इलाज चलता रहा, लेकिन इस बीच उनकी तबीयत अचानक बिगड़ गई और उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया. मनहूस कोरोना ने कमला देवी को भी अपना शिकार बना लिया और 10 दिनों के भीतर पति के बाद पत्नी ने भी दम तोड़ दिया. इन सबके बीच कमला देवी की बेटी आशा(50) भी संक्रमित हो गईं.

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कोरोना के कहर से गम में डूबा परिवार
आशा को बेहतर इलाज के लिए परिवार वालों ने अस्पताल में भर्ती कराया था, लेकिन शनिवार की सुबह आशा देवी भी दुनिया को अलविदा कहकर चली गईं. इस त्रासदी से पूरे परिवार में गम और दहशत का माहौल है. किसी को कुछ भी समझ में नहीं आ रहा कि आखिर ऐसा क्यों हुआ. परिवार में आशा के भाई नीरज तिवारी उनकी पत्नी और एक बेटा है, जो इस सदमे से उबर नहीं पा रहे हैं. इस बीच उन्हें पास-पड़ोस के लोगों से सांत्वना तो मिल रही है, लेकिन गम का जो पहाड़ उनके ऊपर टूटा है, उसे भूलना उनके लिए बड़ा मुश्किल हो रहा है. माता- पिता के साथ इकलौती बहन आशा को भी खो देने के बाद नीरज तिवारी पूरी तरह गमगीन हो गए हैं. वो इस मनहूस कोरोना को कोस रहे हैं.

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