गोरखपुर:जिले मेंबच्चे की गलत रिपोर्ट देने वाले डॉक्टरों सीएमओ की जांच के बाद पुलिस ने एफआईआर दर्ज किया है. वहीं जिलाधिकारी ने भी पीड़ित परिजनों से मुलाकात कर दोषी डॉक्टरों के खिलाफ कार्रवाई करते हुए तीन डायग्नोस्टिक सेंटरों को सील करने का निर्देश दिया. इसी क्रम में एसडीएम सदर गौरव सिंह सोगरवाल के नेतृत्व में पहुंची टीम ने शहर के बेतियाहाता स्थित डायग्नोस्टिक सेंटरों को सील कर दिया.
मामले में चार डॉक्टरों को दोषी पाया गया गोरखपुर के सहजनवा थाना क्षेत्र के देईपार गांव के रहने वाले अभिषेक कुमार पांडे की पत्नी अनुराधा पांडे ने 15 अगस्त को जिला महिला अस्पताल में एक बच्चे को जन्म दिया था. इसके पूर्व उन्होंने गर्भावस्था की शुरुआत से ही कई निजी चिकित्सकों और अल्ट्रासाउंड सेंटरों के यहां समय-समय पर अल्ट्रासाउंड और अन्य जांच कराया था. उन्होंने चिकित्सकों की सलाह पर लेवल टू की जांच भी कराई थी. रिपोर्ट देखने के बाद निजी चिकित्सकों ने पेट में पल रहे बच्चे को पूरी तरह से स्वस्थ बताते हुए इलाज भी किया.जिला महिला चिकित्सालय में जन्म के बाद चिकित्सकों ने बताया कि बच्चा मानसिक और शारीरिक रूप से दिव्यांग है. उसका एक हाथ विकसित नहीं हो पाया है. नवजात के जन्म के बाद नव दंपति शारीरिक, मानसिक और आर्थिक रूप से परेशान होकर नव दंपति ने जिलाधिकारी, सीएमओ और आइजीआरएस पोर्टल के माध्यम से निजी चिकित्सकों की शिकायत की और जांच कर कार्रवाई की मांग की थी.इस संबंध में एसडीएम सदर गौरव सिंह सोगरवाल ने बताया कि पीड़ित "दंपत्ति की शिकायत पर सीएमओ ने मामले के लिए टीम गठित कर जांच की, जिसमें समय-समय पर अल्ट्रासाउंड करने वाले चार डॉक्टरों को दोषी पाया गया. सीएमओ ने रिपोर्ट जिलाधिकारी को भेजा और पीड़ित दंपत्ति ने जिलाधिकारी से मिलकर कार्रवाई की बात कही. जिलाधिकारी के निर्देश पर टीम के साथ पहुंचकर स्पर्श डायग्नोस्टिक सेंटर, सहजनवा के न्यू आदित्य अल्ट्रासाउंड सेंटर और प्रज्ञा हॉस्पिटल के एक डायग्नोस्टिक सेंटर को सील कर दिया गया और उनके लाइसेंस को भी रद्द कर दिया गया.