गोरखपुर:जिले में बाढ़ पूर्व तैयारियों को लेकर जिला प्रशासन ने इस बार बड़ा और अनोखा निर्णय लिया है. प्रत्येक बाढ़ चौकियों का व्यापक प्रचार-प्रसार कराने के साथ सभी चौकियों पर लाल रंग से बाढ़ चौकी का नाम प्रदर्शित होगा. वहीं, दस फीट का लाल रंग का झंडा स्थापित किया जाएगा. यही नहीं बाढ़ कंट्रोल रूम, राजस्व, सिंचाई एवं चिकित्सा विभाग के क्षेत्रीय कर्मचारियों के मोबाइल नंबर भी यहां पर दर्ज किए जाएंगे. एनेक्सी भवन में अपर जिलाधिकारी वित्त एवं राजस्व के नेतृत्व में बाढ़ सुरक्षा से जुड़े सभी प्रमुख विभागों, सिंचाई, बाढ़ नियंत्रण, पुलिस, राजस्व और एनडीआरएफ, एसडीआरएफ के प्रमुखों के साथ बैठक में यह निर्णय लिया गया.
यही नहीं जल फैलाव क्षेत्र विशेषकर आमी नदी से आच्छादित क्षेत्रों में जल संचय के लिए बड़े वाटर रिजर्वायर बनाने, मत्स्य पालन को बढ़ावा देने का निर्णय हुआ. इस कार्य से जल सतह मजबूत होगा और रोजगार के नए अवसर और बाढ़ से मुक्ति मिलेगी. इसके साथ राप्ती और रोहिन नदी से आच्छादित क्षेत्रों में मगरमच्छ और घड़ियाल देखे जाने की सूचना मिलती रहती है. जिसके लिए इन क्षेत्रों में बोर्ड, संकेतक स्थापित किए जायेंगे, जिससे कि कोई दुर्घटना घटित न होने पाए.
वर्ष 2021 और 2022 में बाढ़ आई थी और वहां पर तटबंध के उच्चीकरण के लिए निर्देशित किया गया था. जिसमें विशेषकर बांसगांव और चौरीचौरा क्षेत्र के अधिशासी अभियंता बाढ़ खंड ने बताया कि तटबंध का उच्चीकरण कर दिया गया है. जिससे संबंधित रिपोर्ट मुख्यालय को भेज दी गई है. इसके अलावा जिले में बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में जो भी सड़क बनाई जा रही हैं. वह हाई फ्लड लेवल के आधार पर तैयार करने का निर्देश संबंधित विभाग को एडीएम ने दिया है.