उत्तर प्रदेश

uttar pradesh

ETV Bharat / state

गोरखपुर: सीएम योगी के गृह जनपद में राहगीरों के लिए मुसीबत बने आवारा पशु - gorakhpur news

सड़क पर घूम रहे आवारा पशुओं के लिए सीएम योगी ने कई गौशालाओं का निर्माण कराया है. पशुओं की धरपकड़ के जिम्मेदार नगर निगम केवल कागजों पर रणनीति तैयार कर रहे है. आवारा पशुओं से राहगीरों में दहशत बनी हुई है.आए दिन राहगीरों को चोटिल करने के मामले प्रकाश में आते रहते हैं.

सड़को पर बैठे आवारा पशु

By

Published : Jul 13, 2019, 9:11 PM IST

गोरखपुर: उत्तर प्रदेश के गोरखपुर में प्रत्येक महीने लाखों करोड़ों रुपये का बजट आवारा पशुओं को पकड़ने के लिए नगर निगम को देता है. ऐसे में नगर निगम की जिम्मेदारी बनती है कि उन आवारा पशुओं की धरपकड़ कर उपवनों में भेजे. मुख्यमंत्री के शहर गोरखपुर में मुख्य बाजारों, सड़कों पर खुलेआम आवारा छुट्टा पशु देखे जा सकते है. वहीं इन आवारा पशुओं से राहगीरों में भी दहशत व्याप्त है. जिम्मेदार ऑफिस में बैठकर केवल रणनीति बनाने में लगे हुए हैं.

सीएम सिटी में घूम रहे आवारा पशु
बैठकों की रणनीति कागजों पर हो रही तैयार-मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ लगातार जिले के अधिकारियों के साथ समीक्षा बैठक कर तमाम योजनाओं को जन-जन तक पहुंचाने में लगे हुए हैं. अधिकारी केवल कागजों में ही जन समस्याओं से निपटने की रणनीति बना रहे हैं. मुख्यमंत्री की प्रमुख योजनाओं में कान्हा उपवन, काजी हाउस, गौशालाओं के निर्माण को लेकर विभिन्न योजनाएं चलाई जा रही हैं. इसको क्रियान्वित के लिए अधिकारियों की जवाबदेही तय की जा रही है. ऐसे में नगर निगम के अधिकारी समस्याओं के निस्तारण पर नहीं बल्कि कागजों में बैठकर रणनीति बना रहे हैं.वहीं इन आवारा छुट्टा पशुओं से राहगीरों में व्यापक भय का माहौल है. आए दिन राहगीरों को चोटिल करने के मामले प्रकाश में आते रहते हैं. इनमें कई की जान भी चली गई है, लेकिन नगर निगम की उदासीनता राहगीरों की संवेदनशीलता पर भारी पड़ती जा रही है.

आवारा पशु की धरपकड़ के लिए लगातार कार्रवाई की जा रही है. सड़कों पर अगर दुधारू जानवर दिखाई देते हैं तो उनकी फोटोग्राफी करा कर उनके मालिकों को भेजी जाए और आर्थिक जुर्माना भी लगाया जाए. गोवंश की धरपकड़ को लेकर काफी समस्याएं भी सामने आती हैं. इसको ध्यान में रखकर ही आवारा पशुओं और छुट्टा पशुओं के खिलाफ समय-समय पर अभियान चलाया जाता है.
-अंजनी कुमार सिंह, नगर आयुक्त

शहर में आवारा छुट्टा पशुओं का जमावड़ा देखने को मिल जाएगा. यह यातायात को बाधित करते हैं. राहगीरों को भी गंभीर चोट पहुंचाते हैं. ऐसे में आए दिन राहगीर चोटिल होते हैं. आवारा पशु जब आपस में झगड़ते हैं तो दुकानदारों की दुकानों में घुस जाते हैं और लाखों रुपये की क्षति पहुंचा देते हैं.
-इनामुल हक, राहगीर

ABOUT THE AUTHOR

...view details