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पूर्व सीएम का ड्रीम प्रोजेक्ट है 'चंपा देवी पार्क', गोरखपुर महोत्सव से मिला नया आयाम

पूर्व मुख्यमंत्री वीर बहादुर सिंह का 'चंपा देवी पार्क' ड्रीम प्रोजेक्ट था. उन्होंने इसकी स्थापना 1986 में की थी. इसके पीछे का मकसद यह था कि शहर के अंदर जब भी कोई सामाजिक, राजनीतिक और सांस्कृतिक आयोजन हो तो उसके लिए स्थान का अभाव न हो. इस साल हुए गोरखपुर महोत्सव से इस पार्क को एक नया आयाम मिला.

story of champa devi park
बीजेपी विधायक फतेह बहादुर सिंह.

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Published : Jan 16, 2021, 7:22 PM IST

गोरखपुर : यूपी के पूर्व मुख्यमंत्री वीर बहादुर सिंह ने जिस उद्देश्य से चंपा देवी पार्क की स्थापना वर्ष 1986 में किया था, उसे वर्ष 2021 में आयोजित हुए 'गोरखपुर महोत्सव' से एक नया आयाम मिल गया. वीर बहादुर सिंह गोरखपुर जिले के रहने वाले थे. वह जब प्रदेश के मुख्यमंत्री बने तो इस क्षेत्र के विकास के लिए कई तरह की योजनाओं की सौगात दी, जिसमें मौजूदा समय की चर्चित रामगढ़ ताल परियोजना एक है. यह उनकी बेहतरीन सोच और योजनाओं में से एक थी. रामगढ़ ताल क्षेत्र में ही उन्होंने चंपा देवी के नाम से एक बड़े क्षेत्र में पार्क की स्थापना भी की थी, जिसके पीछे उनका उद्देश्य था कि शहर के अंदर जब भी कोई सामाजिक, राजनीतिक और सांस्कृतिक आयोजन हो तो उसके लिए स्थान का अभाव न हो. वीर बहादुर सिंह की यह बड़ी सोच पहली बार कोरोना काल में आयोजित हुए गोरखपुर महोत्सव में पूरी तरह से सफल हुई, जब हर किसी ने इसके लिए उन्हें याद किया.

चंपा देवी पार्क की बदली तस्वीर.
कौन थीं चंपा देवी
चंपा देवी, वीर बहादुर सिंह की पत्नी थीं, जिनके नाम पर पार्क स्थापित हुआ. यह पार्क गोरखपुर विकास प्राधिकरण के अधीन आता है. यह मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के कार्यकाल में बड़े आयोजनों के लिए मुफीद स्थान बन चुका है. इसकी बाउंड्री वॉल से लेकर मिट्टी की भराई के सारे कार्य योगी सरकार में पूरे हुए हैं. वीर बहादुर सिंह के निधन के बाद यह आयोजनों का स्थान नहीं बन पा रहा था.
लोक गायिका मैथिली ठाकुर.

प्रदेश में सत्ता बदली तो वीर बहादुर सिंह के सपने और शिलान्यास भी एक किनारे हो गए, लेकिन जब गोरखपुर से एक बार फिर योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में प्रदेश की बागडोर संभाली गई तो वीर बहादुर सिंह की उन सभी योजनाओं पर बहुत तेजी के साथ कार्य किया गया, जिसकी उन्होंने आधारशिला रखी थी. यही वजह है कि जब गोरखपुर महोत्सव के मंच से वीर बहादुर सिंह के विधायक पुत्र और पूर्व की सरकारों में कैबिनेट मंत्री रहे फतेह बहादुर सिंह ने अपने पिता के सपनों को याद किया तो मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की सराहना करने से भी वह नहीं चूके. उन्होंने कहा कि एक दिन ऐसा आएगा, जब गोरखपुर नोएडा से भी आगे निकल जाएगा.

पांच बार विधायक रहे वीर बहादुर सिंह
वीर बहादुर सिंह गोरखपुर जिले की पनियारा विधानसभा सीट से पांच बार विधायक रहे. इस दौरान उन्हें राज्य सरकार में उप और राज्यमंत्री होने के साथ कैबिनेट मंत्री होने का भी गौरव हासिल हुआ था. वह 24 सितंबर 1985 से 24 जून 1988 तक उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री रहे. 30 मई 1988 से 1989 तक वह केंद्रीय संचार मंत्री भी रहे. उनका निधन 30 मई 1989 को विदेश दौरे के दौरान हो गया था. वह कांग्रेस के जमीनी कार्यकर्ता के रूप में पहचान बनाते हुए जिले से लेकर प्रदेश संगठन में भी पदाधिकारी बने. यही वजह है कि मौजूदा समय में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के द्वारा किए जा रहे बेजोड़ विकास को लोग वीर बहादुर सिंह के कार्यकाल में किए जा रहे विकास से जोड़ते ही रहते हैं.

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