उत्तर प्रदेश

uttar pradesh

ETV Bharat / state

Gorakhpur news : गृह क्लेश सुलझा देने वाली पुलिस पर अपहरण और गुमशुदगी के मामले पड़ रहे भारी, ये हैं आंकड़े - अपहरण और गुमशुदगी के मामले

गोरखपुर जिले में पुलिस ने आर्थिक समस्या और पारिवारिक उलझनों से हो रहे गृह क्लेश को सुलझाने के लिए परिवार परामर्श केंद्र की शुरुआत की है. वहीं, पुलिस के सामने अब सबसे बड़ी चुनौती अपहणरण और गुमशुदगी की है. आइए जानते हैं गोरखपुर गुमशुदगी और अपहरण के मामलों के आंकड़े..

etv bharat
गोरखपुर पुलिस

By

Published : Feb 24, 2023, 10:34 PM IST

गोरखपुरः आर्थिक समस्या और पारिवारिक उलझने गृह क्लेश का बड़ा कारण बन रही हैं. इसके मामले भी खूब प्रकाश में आ रहे हैं. वहीं, इसको सुलझाने में पुलिस 'परिवार परामर्श केंद्र' के माध्यम से सफल भी हो रही है. मगर, उसके सामने जो सबसे बड़ी समस्या और चुनौती है वह अपहरण और गुमशुदगी के बढ़ते हुए मामले हैं, जिसको सुलझा पाना उसके लिए टेढ़ी खीर बना हुआ है. साल दर साल आंकड़ों में वृद्धि हो रही है, लेकिन सफलता के आंकड़े पुलिस के रिकॉर्ड में बेहद कमजोर नजर आते हैं. यही वजह है कि गोरखपुर पुलिस की रेटिंग कुछ मामलों में प्रदेश में बेहद खराब जा रही है. वहीं, पीड़ितों के न्याय की आस भी टूट रही है.

कुछ मामलों का जिक्र गुमशुदगी के यहां किए जा रहे हैं, जिसमें गोरखनाथ थाना क्षेत्र में अक्टूबर 2022 में प्रीति (काल्पनिक) नाम का मामला गुमशुदगी का दर्द हुआ था और वह अभी तक कहां है कुछ पता नहीं चल पाया है. इस मामले में उसके घर वालों का कहना है कि प्रीति को घरवाले पढ़ने से लेकर कई मामलों में टोकते थे, जिससे वह घर से कहां निकलकर चली गई कुछ पता नहीं. इसी प्रकार दिसंबर 2022 में शाहपुर थाना क्षेत्र की सुनीता (काल्पनिक) नाम लड़की चाचा के घर गई थी. वहां एक लड़के ने उसका अपहरण कर लिया था.

केस दर्ज होने पर जब पुलिस ने दबिश दी तो लड़का मौके से फरार हो गया. लड़की तो सुरक्षित बरामद हो गई, लेकिन वह आरोपी आज तक पुलिस की पकड़ में नहीं आया. ऐसे मामले आए दिन पुलिस के सामने आ रहे हैं. गृह क्लेश से गायब होने वाली बेटियां या महिलाओं के मामले को तो पुलिस 'परिवार परामर्श केंद्र' जो पुलिस की ही एक शाखा है के जरिए सुलझा दे रही है, लेकिन अपहरण और गुमशुदगी उसे चैन की सांस लेने नहीं दे रही. जैसा मौजूदा समय लेकर पिछले वर्ष के आंकड़े बता रहे हैं.

आंकड़ों की बात करें तो वर्ष 2022-23 में गुमशुदगी और अपहरण के कुल 291 मामले पंजीकृत हुए थे. इसी प्रकार वर्ष 2021-22 में 292 मामले दर्ज हुए तो वर्ष 2020-21 में यह आंकड़ा 147 का था. वर्ष 2019-20 में कुल 436 मामले पंजीकृत हुए तो वर्ष 2018-19 में गुमशुदगी और अपहरण के 397 मामले पुलिस रिकॉर्ड में पंजीकृत हुए. इसमें एसिड अटैक का भी एक मामला शामिल था. ऐसे ही इन वर्षों में घरेलू हिंसा के भी करीब 700 मामले पंजीकृत हुए. दहेज उत्पीड़न के मामलों की संख्या 200 के करीब थी.

जिला प्रोबेशन अधिकारी सरबजीत सिंह ने बताया कि छेड़छाड़, घरेलू हिंसा और अपहरण के मामलों में उनकी टीम पहले काउंसलिंग करती है. फिर पुलिस की मदद से समाधान कराया जाता है. पूरी कोशिश होती है कि ऐसे मामलों में पीड़ित को न्याय मिल सके, लेकिन अपराध बढ़ता ही है. उन्होंने कहा कि महिलाओं से जुड़े हुए मामले वन स्टॉप सेंटर पर लाए जाते हैं. उनकी काउंसलिंग की जाती है. सुलह समझौते के तहत अब तक करीब 1,020 से ज्यादा मामलों को निस्तारित किया गया है, लेकिन अपहरण और गुमशुदगी के मामले में रिकॉर्ड अभी बहुत बेहतर नहीं हो पा रहा.

ताजा मामले में 22 फरवरी को तिवारीपुर थाना पुलिस ने गुमशुदगी के मामले का अनावरण किया और महेंद्र कुशवाहा को बरामद किया. इसी प्रकार 19 फरवरी को अपहरण की आरोपी महिला गुड्डी देवी को खजनी थाने की पुलिस ने गिरफ्तार किया है.

ABOUT THE AUTHOR

...view details