उत्तर प्रदेश

uttar pradesh

ETV Bharat / state

Svachchh Bhaarat Mishan: रिसोर्स रिकवरी सेंटर से स्वच्छता को मिलेगी रफ्तार, महिलाओं ने संभाला मोर्चा

गोरखपुर में प्रदेश का पहला स्वच्छ भारत मिशन ग्रामीण फेस-2 योजना के अंतर्गत रिसोर्स रिकवरी सेंटर का निमार्ण किया गया है. इस योजना के अंतर्गत जिले के अन्य 75 ग्राम पंचायतों में भी रिकवरी सेंटर का निर्माण किया जाएगा. इस रिकवरी सेंटर की कमान महिलाएं संभालेंगी.

Swachh Bharat Mission Rural Phase 2 scheme
Swachh Bharat Mission Rural Phase 2 scheme

By

Published : Feb 15, 2023, 9:49 AM IST

प्रदेश का पहला स्वच्छ भारत मिशन ग्रामीण फेस-2 के तहत गोरखपुर में बना पहला रिसोर्स रिकवरी सेंटर

गोरखपुरः प्रदेश का पहला रिसोर्स रिकवरी सेंटर (कूड़ा प्रबंधन केंद्र) गोरखपुर में बनकर तैयार हो गया है. इसका संचालन महिलाएं कर रहीं है. ग्राम पंचायत कोठा ब्लॉक कौड़ीराम को प्रदेश के 15 मॉडल गांव में चयनित किया गया था. जहां पर इस सेंटर ने काम करना शुरू कर दिया है. यहां प्रतिदिन करीब पांच सौ घरों से डोर टू डोर कूड़ा कलेक्शन करने में महिलाएं जुट गई हैं. टेस्ट एंड रन में यह कार्य शुरू हो चुका है. पंचायत राज विभाग इन्हें प्रशिक्षण भी दे रहा है.

कूड़ा कलेक्शन में ग्राम पंचायत ई-रिक्शा का प्रयोग किया जायेगा. इस रिसोर्स रिकवरी सेंटर में वाटर हार्वेस्टिंग का भी विशेष ध्यान रखा गया है. इन सभी तकनीकी पहलुओं की जानकारी विषय विशेषज्ञ, महिलाओं को ठोस एवं तरल अपशिष्ट प्रबंधन की दे रहे हैं. नगरीय क्षेत्र को स्वच्छ और प्रदूषण मुक्त बनाने की कोशिश की जा रही है.

ईटीवी भारत से बातचीत करते हुए जिला पंचायत राज अधिकारी हिमांशु शेखर ठाकुर ने बताया कि ग्राम पंचायत कोठा में स्वच्छ भारत मिशन ग्रामीण फेस-2 योजना अंतर्गत मॉडल गांव विकसित किए जाने के लिए निमित किया गया है. ग्राम पंचायत में सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट के प्रबंधन हेतु रिसोर्सेज रिकवरी सेंटर का निर्माण ग्राम पंचायत द्वारा कराया गया है. इसमें 18 कंसलटिंग इंजीनियर की टीम ने रिकवरी सेंटर के निर्माण में तकनीकी पहलुओं की जानकारी के साथ निर्माण में प्रयोग की जा रही है. इसमें अलग-अलग प्रकार के कूड़े के संबंध में जानकारी, ठोस एवं तरल अपशिष्ट प्रबंधन को लेकर जानकारी ददाद प्रदान की गई है.

75 ग्राम पंचायतों में रिकवरी सेंटर का निर्माणःजिला पंचायत राज अधिकारी ने बताया कि स्वच्छ भारत मिशन ग्रामीण योजना के अंतर्गत जिले में अन्य 75 ग्राम पंचायतों में भी रिकवरी सेंटर का निर्माण किया जाएगा. वहीं 5 अन्य का निर्माण लगभग पूर्ण हो चुका है. इसका लोकार्पण बहुत शीघ्र होगा. जिन ग्राम पंचायतों में रिसोर्स रिकवरी सेंटर का निर्माण प्रारंभिक स्टेज पर है, उन सभी रिसोर्स रिकवरी सेंटर में सभी मानकों का पालन करते हुए निर्माण कराया जा रहा है. निर्माण के समय भविष्य में सेंटर का सदुपयोग किए जाने एवं कंफर्ट एबिलिटी का विशेष ध्यान रखा जा रहा है. जिससे अधिक मात्रा में सदुपयोग हो सके.

उन्होंने कहा कि गीला, सूखा और प्लास्टिक समेत हर प्रकार के कूड़े को अलग-अलग छटाई किया जाएगा. फिर उसका सेग्रीगेशन किया जाएगा. साथ ही यहां से प्लास्टिक के कुछ ऐसे टुकड़े लोक निर्माण विभाग को भेजे जाएंगे. जो वह सड़क बनाने में उपयोग करेंगे. 75 ग्राम पंचायतों में व्यापक स्तर पर बड़े रिसर्च रिकवरी सेंटर का निर्माण कराया जाना है. इसके साथ ही छोटी ग्राम पंचायतों में भी छोटे मॉडल का निर्माण शीघ्र ही कराया जाएगा. इन ग्राम पंचायतों को ओडीएफ प्लस की कैटेगरी में लाते हुए मॉडल गांव विकसित किया जाएगा.

4 विकास खंडों प्लास्टिक वेस्ट मैनेजमेंट यूनिट का निर्माणःमॉडल गांव विकसित किए जाने को लेकर जिला पंचायत राज अधिकारी ने आगे बताया कि 'डोर टू डोर कूड़ा कलेक्शन' एवं एग्रीगेशन और उसके साथ ही ट्रांसपोर्टेशन में प्लास्टिक वेस्ट मैनेजमेंट पर भी काम किए जाने की ठोस योजना बनाई गई है. प्रारंभिक चरण में 4 विभिन्न विकास खंडों की ग्राम पंचायतों में प्लास्टिक वेस्ट मैनेजमेंट यूनिट का निर्माण कराया जाएगा. जिसकी लागत प्रति इकाई 16 लाख है. 5 हजार से अधिक आबादी वाली ग्राम पंचायतों की कार्य योजना तैयार करा ली गई है. इससे कम आबादी वाली ग्राम पंचायतों की योजना ग्राम पंचायतों द्वारा तैयार की जा रही है. जिसको शीघ्र ही शासन को स्वीकृति हेतु प्रेषित करके योजना पर अमल किया जाएगा.

निमित्त की गई है 34 करोड़ी की राशिःजिला पंचायत राज अधिकारी ने बताया कि ग्राम पंचायत कोठा में जो प्रदेश का पहला केंद्र है, वह अंबेडकर स्वयं सहायता समूह की महिलाओं के द्वारा संचालित होगा. जो महिला सशक्तिकरण और उन्हें रोजगार से जोड़ने का भी बड़ा माध्यम बनेगा. 75 ग्राम पंचायतों को मॉडल गांव विकसित किए जाने के निमित्त 34,79,96,596 रुपए की धनराशि निर्गत की गई है. ग्राम पंचायतों द्वारा पीएफएमएस के माध्यम से इनका भुगतान किया जाता है. वहीं, ग्राम पंचायतों के सिंगल नोडल अकाउंट में अभी भी 22,70,79,199 रुपये शेष पड़े हैं. जबकि, ग्राम पंचायतों द्वारा अब तक 12,9,12,397 रुपए ही खर्च किए जा चुके हैं.

ये भी पढ़ेंःPWD Department : सड़क निर्माण में 6 करोड़ से अधिक की ओवर बजटिंग पर अधिशासी अभियंता निलंबित, नौ अन्य पर कार्रवाई

ABOUT THE AUTHOR

...view details