गोरखपुरः आगामी साल 2022 में उत्तर प्रदेश विधानसभी का चुनाव होगा. चुनाव को लेकर देखा जाए तो अभी से ही सरगर्मी तेज हो गई है. लेकिन अगर गोरखपुर क्षेत्र में इन पार्टियों द्वारा पिछले चुनाव में महिलाओं को उम्मीदवारी देने की बात को देखा जाए तो समाजवादी पार्टी, बीजेपी से काफी आगे रही है. विधानसभा और लोकसभा का चुनाव भी समाजवादी पार्टी ने महिलाओं को लड़ाया है. लेकिन नारी सशक्तिकरण का सबसे ज्यादा दंभ भरने वाली बीजेपी इसमें काफी पिछड़ती नजर आ रही है.
बहुजन समाज पार्टी तो दूर तक नहीं टिकती है, जबकि उसकी मुखिया ही महिला हैं. प्रदेश स्तर पर महिलाओं को चुनाव लड़ाने के लिए पार्टियों का जो भी आंकड़ा रहा हो, लेकिन गोरखपुर क्षेत्र की अगर बात करें तो करीब 30 सीटों पर महिला उम्मीदवारी न के बराबर थी.
महिलाओं को चुनाव लड़ाने में बीजेपी-बीएसपी से आगे रही एसपी समाजवादी पार्टी के गोरखपुर क्षेत्र में महिलाओं को प्रत्याशी बनाने और राजनीति में उन्हें आगे बढ़ाने को लेकर, ईटीवी भारत से पार्टी की वरिष्ठ नेत्री, पूर्व विधानसभा प्रत्याशी और वर्ष 1989 से 2010 तक लगातार चार बार पार्षद रही राजकुमारी देवी ने खास बातचीत की. जिसमें उन्होंने कहा कि समाजवादी पार्टी शुरू से महिलाओं को सम्मान देने और आगे बढ़ाने की पक्षधर रही है. उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री मुलायम सिंह यादव रहे हों या फिर अखिलेश यादव, दोनों लोगों ने महिलाओं को सम्मान दिया है. राजनीति में भागीदारी बढ़ाने के लिए उन्हें प्रत्याशी बनाया है.
राजकुमारी देवी कहती हैं कि पार्टी ने उन्हें 2012 का चुनाव सदर विधानसभा सीट से लड़ाया. जिसमें वह दूसरे नंबर पर थीं. कैंपियरगंज विधानसभा सीट से चिंता यादव को प्रत्याशी बनाया गया. पिपराइच विधानसभा सीट से राजमती देवी चुनाव लड़ने और जीतने में कामयाब रहीं. मुंडेरा बाजार विधानसभा सीट से शारदा देवी दो बार विधायक रहीं. बांसगांव सीट से सुभावती पासवान को पार्टी ने चुनाव लड़ाया. खजनी विधानसभा सीट से रूपवती बेलदार विधानसभा चुनाव लड़ीं. यहां तक कि लोकसभा का भी चुनाव लड़ाने का काम पार्टी ने किया और राजमती निषाद 2014 में, शारदा देवी 2009 और सुभावती पासवान 1996 का लोकसभा चुनाव जीतने में कामयाब रहीं.
यह अलग बात है कि कुछ जीतने में कामयाब रहीं और कुछ हार गईं. लेकिन राजनीति में आगे बढ़ने का अवसर समाजवादी पार्टी ने खूब दिया है. जब उनसे सवाल किया गया कि आखिर में भारतीय जनता पार्टी जो महिलाओं को लेकर उत्थान और नारी सशक्तिकरण का बड़े-बड़े राग अलापती है, वह इन सीटों पर महिला प्रत्याशियों को क्यों नहीं चुनाव लड़ा पाईं. तो राजकुमारी देवी ने कहा कि, बीजेपी सिर्फ महिलाओं का उपयोग करना चाहती हैं. उन्हें अपने आंदोलन तक ही सीमित रखना चाहती हैं. महिलाओं को आगे बढ़ाने में न तो बीजेपी में कोई रुचि दिखाई देती है..और न ही बीएसपी में. हालांकि 2017 के चुनाव में बीजेपी ने चौरी-चौरा विधान सभा सीट से संगीता यादव को चुनाव लड़ाया और वह मोदी लहर में जीतने में कामयाब रहीं.
राजकुमार देवी ने कहा कि वो फिर टिकट की दावेदार हैं. पार्टी लड़ाएगी तो जरूर लड़ेंगी. उन्होंने बीजेपी से नाराज महिलाओं को अपनी समाजवादी पार्टी में आने का न्योता दिया. इसके साथ में ये भी कहा कि चुनाव तो वही लड़ेगा जो पार्टी के लिए संघर्ष किया होगा. राजकुमारी देवी ने इस दौरान बड़ी ही रोचक मांग राजनीति दलों और चुनाव आयोग से किया. उन्होंने कहा कि जिस प्रकार एसएसी-एसटी के लिए विधानसभा-लोकसभा में सीटें आरक्षित हैं. उसी तरह महिलाओं के लिए भी सीटें आरक्षित होनी चाहिए. जिससे उन सीटों पर सिर्फ महिला लड़ सकें और पुरुषों की कोई उम्मीदवारी न हो.
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इसके साथ ही राजकुमारी देवी ने ये भी कहा कि गोरखपुर क्षेत्र को समाजवादी पार्टी की सरकार में खासकर अखिलेश ने विकास के कई कीर्तिमान स्थापित किए. स्वास्थ्य से लेकर शिक्षा और सड़कों, पुलों का जाल अखिलेश ने बिछाया. बीजेपी सरकार उन्हीं परियोजनाओं में हेर-फेर करके अपना नाम आगे बढ़ा रही है. उन्होंने कहा कि बीजेपी सरकार ने तो महिलाओं के लिए और भी मुसीबत खड़ी कर दिया है. महंगाई इतनी बढ़ा दी है कि घर की रसोई में लगने वाले सरसों के तेल से लेकर गैस और आटा-चावल सब महंगा हो गया है. जिसकी वजह से लोगों के घरों में जब शुद्ध भोजन नहीं मिल रहा, तो लड़ाई हो रही है. जबकि एसपी की सरकार में महंगाई भी नियंत्रित थी और बेटे-बेटियों की पढ़ाई भी कम खर्चे में हो जाती थी. उन्होंने कहा कि आगामी चुनाव में बीजेपी को महंगाई और महिलाओं के उत्पीड़न की कीमत चुकानी पड़ेगी.