गोरखपुर: समाजवादी पार्टी के एक प्रतिनिधि मंडल ने पिपराइच थाना क्षेत्र के मिश्रौलिया में महाजन गुप्ता के परिवार को 2 लाख रुपये की मदद की रसीद सौंपी और दु:ख की घड़ी में हर संभव मदद का भरोसा दिया. यह पैसा पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने सीधे लखनऊ से पीड़ित के खाते में भेजा था.
दरअसल, महाजन गुप्ता के 14 वर्षीय पुत्र बलराम की सोमवार को बदमाशों ने अपहरण कर हत्या कर दी थी. अपहरणकर्ताओं ने लड़के को छोड़ने के लिए 1 करोड़ रुपये की मांग की थी, जो उसके पिता देने में सक्षम नहीं थे. बलराम की हत्या से इलाके में सनसनी फैल गई. सपा ने योगी सरकार पर जमकर निशाना साधा.
समाजवादी पार्टी के जिला मीडिया प्रभारी राघवेंद्र तिवारी 'राजू' ने बताया कि सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने कहा है कि अपनी विफलता पर पर्दा डालने के लिए गोरखपुर में पीड़ित परिवार को मुख्यमंत्री ने पांच लाख रुपये दिए हैं. उन्होंने कहा कि समाजवादी पार्टी की मांग है कि पीड़ित परिवार को सरकार कम से कम पचास लाख रुपये दे. समाजवादी पार्टी पीड़ित परिवार को 2 लाख रुपये की मदद संवेदना के तहत दे रही है.
मीडिया प्रभारी राघवेंद्र तिवारी ने कहा कि राष्ट्रीय अध्यक्ष ने कहा है कि भाजपा सरकार के कारण ही कानून व्यवस्था का संकट उत्पन्न हुआ है. सरकारें अपनी संवैधानिक जिम्मेदारी से हटकर जब और कामों में उलझती रहती हैं तो इस तरह के संकट तो पैदा होते ही रहेंगे. उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश में अपराधों की बाढ़ आ गई है. हत्या, अपहरण जैसी दु:खद घटनाएं प्रतिदिन घटित होते रहने से कानून का राज समाप्त हो गया है.
राघवेंद्र तिवारी ने कहा कि लगातार अपहरण और हत्याओं के बावजूद भी भाजपा सरकार का मौन और निष्क्रियता सवालों के घेरे में है. उत्तर प्रदेश में आपराधिक घटनाओं को देखकर लगता है कि प्रदेश की बागडोर अब शायद भाजपा सरकार के हाथ से निकल कर बदमाशों के हाथ में चली गई है. कानून का अपराधियों को कोई डर नहीं है. उन्होंने कहा कि भाजपा सरकार के कारण उत्तर प्रदेश में संवैधानिक संकट उत्पन्न हो गया है. समाजवादी पार्टी अपनी इस मांग को दोहराती है कि उत्तर प्रदेश में राष्ट्रपति शासन लगाया जाये. बिना भाजपा सरकार को हटाये राज्य के नागरिकों का जीवन और सम्मान सुरक्षित नहीं है.
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प्रतिनिधिमंडल में सपा जिलाध्यक्ष नगीना प्रसाद साहनी के प्रतिनिधि जिला उपाध्यक्ष मुन्नीलाल यादव, रजनीश यादव, प्रह्लाद यादव, अमरेंद्र निषाद, अखिलेश यादव, साधु यादव, वीरेंद्र गुप्ता, दयाशंकर निषाद, संजय यादव, अशोक यादव, जयप्रकाश यादव, देवेंद्र भूषण निषाद, बाबूराम यादव, राहुल गुप्ता, सोमनाथ यादव, मनमोहन यादव, समेत सैकड़ों लोग शामिल थे.