गोरखपुर: रक्षाबंधन (raksha bandhan 2022) पर बहनें, भाइयों की कलाई पर राखी बांधती हैं और भाई उनकी ताउम्र रक्षा का वचन देता है. लेकिन गोरखपुर में इंजीनियरिंग की दो छात्राओं पूजा यादव और विजया रानी ने एक ऐसी स्मार्ट राखी (Gorakhpur Smart Rakhi) बनाई है, जो भाई की कलाई की शान बढ़ाने के साथ ही भाइयों की सुरक्षा में भी मददगार साबित होगी. इसके साथ ही यह राखी बहनों की भी सुरक्षा करेगी. इस राखी में एक डिवाइस लगाया गया है, जिसमें एक बटन लगी है. कोई भी दुर्घटना होने पर यह बटन दबाते ही इसमें फीड 3 से 5 नंबरों पर खतरे का अलर्ट करने के साथ ब्लॅड ग्रुप और करंट लोकेशन का संदेश भी जाएगा.
गोरखपुर के आईटीएम इंजीनियरिंग संस्थान ( ITM Institute of Engineering Gorakhpur) की कंप्यूटर साइंस एंड इंजीनियरिंग की छात्रा पूजा यादव और फार्मेसी की छात्रा विजया रानी ओझा ने इस स्मार्ट राखी को बनाया है. इन दोनों ने इस राखी का नाम स्मार्ट मेडिकल सेफ्टी राखी रखा है. इस राखी को बनाने वाली पूजा का कहना है कि यह राखी देखने में बहुत सुंदर है और इसे बनाने में उनको सिर्फ एक दिन लगा. इस विशेष राखी में सुरक्षा के कई फीचर हैं, जो किसी भी खतरे के समय बहुत ही उपयोगी साबित हो सकती है.
स्मार्ट राखी के बारे में जानकारी देती छात्रा पूजा और डायरेक्टर एमके सिंह स्मार्ट राखी की विशेषताएं (Smart Rakhi Features)
इसमें लगे बटन को सिर्फ एक बार दबाना होगा और यह स्पेशल राखी अपना काम करना शुरू कर देगी. इस राखी में लगे डिवाइस में तीन से पांच मोबाइल नंबर दर्ज किए जा सकते हैं. जिसमें घरवालों के नंबर के अलावा डॉक्टर और एंबुलेंस का नंबर भी दर्ज किया जा सकता है. कोई भी घटना होने पर इस राखी में एक बार बटन दबाना होगा और जीपीएस के माध्यम से परिजनों के मोबाइल पर खतरे का मैसेज पहुंच जाएगा. इसके साथ ही जहां पर राखी मौजूद होगी, उसका लोकेशन भी सभी फीड नंबरों पर पहुंच जाएगा. इसमें ब्लूटूथ और बैटरी के अलावा नैनो पार्ट्स का इस्तेमाल किया गया है. यह एक बार चार्ज होने पर करीब 12 घंटे का बैकअप देगा. इसे गाड़ी चलाने के दौरान ब्लूटूथ से अटैच किया जा सकता है.
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पूजा के इस राखी को बनाने में अगर खर्च की बात करें, तो अभी फिलहाल एक राखी को बनाने में 800 से 900 रुपये का खर्च आ रहा है. लेकिन अगर इसका कमर्शियल रूप से उत्पादन हो तो यह सिमटकर 100 से 200 रुपये तक आ सकता है. इस डिवाइस को राखी के साथ-साथ महिलाओं के पहनने वाले आभूषण में भी लगाया जा सकता है जिससे महिलाओं की सेफ्टी बढ़ सकती है.
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