गोरखपुर: पूर्वोत्तर रेलवे जहां यात्रियों की सहूलियत के लिए सुविधाएं बढ़ा रहा है, वहीं जनरल बोगियों में यात्रा करने वाली महिलाओं और दिव्यांगजनों की समस्याएं और बढ़ गई हैं. नए एलएचबी कोचों में आरक्षण की सुविधा समाप्त कर दी गई है. सामान्य यात्रियों की तरह ही इन्हें भी जनरल बोगियों में ठूस-ठूसकर यात्रा करनी पड़ रही है.
विश्व के सबसे लंबे प्लेटफार्म संख्या दो पर गोद में बच्चा और कंधे पर बैग लिए महिलाएं दौड़ रही हैं, उनकी समझ में नहीं आ रहा है कि आखिर महिला बोगी कहां लगी है. एक बार आगे से पीछे तक जाने में ही पसीना छूट जाता है, थकान महसूस होने लगती है. महिलाओं ने बच्चों को नीचे उतार और फिर उंगली पकड़ कर दौड़ लगाती दिखती है, इसके बाद भी महिला बोगी नहीं मिलती. वहीं दिव्यांग के परिजन भी दिव्यांगों को सीट मुहैया कराने के लिए एलएचबी कोच में चलकर दिव्यांग आरक्षण सीट खोजते नजर आते हैं, लेकिन उनके हाथ भी मायूसी ही लगती है क्योंकि नए एलएचबी कोचों में यह सुविधा है ही नहीं.
गोरखधाम की नई रैक में 22 कोच से अधिक नहीं लग सकते हैं, ऐसे में रेलवे ने जनरल की दो बोगियों को कम कर दिया है. इसके अलावा एसएलआर में महिला बोगी भी हट गई है, फिलहाल अधिकारियों की मानें तो यात्रियों की इस गंभीर समस्या से रेलवे प्रशासन को अवगत करा दिया गया है और जल्द ही नए कोचों में यह सुविधा उपलब्ध होगी. बड़ा सवाल यह है कि आपातकालीन स्थिति में अगर किसी महिला और दिव्यांग को यात्रा करनी है तो उसे भी सामान्य यात्रियों की तरह जनरल बोगियों में ठूस कर यात्रा करना पड़ेगा.