गोरखपुर :प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के हाथों 26 सितंबर को उत्तर प्रदेश में 700 इलेक्ट्रिक लो फ्लोर बसों को हरी झंडी दिखाई जाएगी. हालांकि मुख्यमंत्री के शहर गोरखपुर में ही इसके सफल संचालन पर बादल मंडराता दिखाई दे रहा है.
बताया जाता है कि जिस स्थान पर इन बसों का चार्जिंग स्टेशन बनाया गया है, वह क्षेत्र डूब क्षेत्र में है. वर्तमान में भी यह पानी से पूरी तरह से घिरा हुआ है. यहां पर जाने के लिए अभी पक्का मार्ग नहीं बनाया जा सका है. साथ ही जिस कार्यदायी संस्था को इसके निर्माण की जिम्मेदारी दी गई थी, उसने भी इसमें लेटलतीफी दिखाई है.
इसके निर्माण को पूरा करने की डेटलाइन भी समाप्त हो चुकी है. ऐसे में नगर आयुक्त ने चार्जिंग स्टेशन बनाने वाली कंपनी के खिलाफ कार्रवाई के लिए नगर विकास विभाग को पत्र भी लिख दिया है. गोरखपुर में बसों का चार्जिंग स्टेशन महेसरा ताल क्षेत्र में बनाया जा रहा है. यह नगर निगम की जमीन पर बन रहा है. हालांकि भारी बारिश और नदियों के उफान से यहां जल भराव इतना है कि यहां पहुंचना मतलब जान जोखिम में डालना है.
पीएम मोदी की हरी झंडी के बाद भी गोरखपुर में लो फ्लोर बसों के संचालन में फंसा पेंच गोरखपुर को कुल 25 लोफ्लोर बसों की सौगात मिलनी है. इनमें 20 बसें 27 सितंबर तक गोरखपुर पहुंच जाएंगी. इन बसों के संचालन को लेकर नगर निगम ने शहर में दो रूट निर्धारित किए हैं. किराया भी केंद्रीय शहरी विकास मंत्रालय की तरफ से तय हो गया है लेकिन चार्जिंग स्टेशन ही अभी अधूरा है.
शासन की ओर से चार्जिंग स्टेशन बनाने का काम पूरा करने की तिथि 15 अगस्त निर्धारित की गई थी. बारिश और अन्य परिस्थितियों को देखते हुए इसे बढ़ाकर 21 अगस्त और फिर 20 सितंबर की कर दिया गया लेकिन यह चार्जिंग स्टेशन फिर भी बनकर तैयार नहीं हो पाया.
इसे बनाने की जिम्मेदारी पीएमआई इलेक्ट्रो सर्विसेज को मिली थी लेकिन कार्य पूर्ण नहीं हो पाया. इस चार्जिंग स्टेशन के निर्माण पर 11 करोड़ 63 लाख खर्च होने हैं. सिविल और इलेक्ट्रिकल दोनों कार्य इसी फर्म को करना है. हालांकि दोनों काम अभी अधूरा है.
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नगर आयुक्त अविनाश सिंह ने ईटीवी भारत से बातचीत में कहा कि कोशिश पूरी है कि समय से चार्जिंग स्टेशन को तैयार कर लिया जाए पर भारी बारिश इसके निर्माण में बाधा बन रही है. उन्होंने यह भी कहा कि जिन 32 गांवों को नगर निगम की सीमा में इस वर्ष जोड़ा गया है, वहां के लोगों को भी इन बसों का लाभ मिले, इसके लिए रूट निर्धारण में इसका ध्यान दिया जा रहा है.
इन लो फ्लोर बसों में ऑनलाइन भी किराए का भुगतान किया जा सकेगा. इसके लिए कंडक्टर के पास क्यूआर कोड होगा जिसे स्कैन कर यात्री किराया दे सकता है. साथ ही नगद भुगतान कर भी टिकट लेने की सुविधा होगी. यह बसें सीसीटीवी कैमरे से पूरी तरह से लैश होंगी. इसकी निगरानी लखनऊ में बने कंट्रोल रूम से की जाएगी. किराए की बात करें तो जीरो से 3 किलोमीटर की दूरी का किराया 5 रुपये, 3 से 6 किलोमीटर के लिए 11 रुपये, 6 से 11 किलोमीटर के लिए 16 रुपये, 11 से 15 किलोमीटर के लिए 21 रुपये, 15 से 20 किलोमीटर के लिए 26 रुपये और 20 से 25 किलोमीटर के लिए 32 रुपये देने होंगे.
बस का रूट नंबर एक
महेसरा, बरगदवा तिराहा, इंडस्ट्रियल स्टेट, गोरखनाथ हॉस्पिटल, गोरखनाथ मंदिर, गोरखनाथ फ्लाई ओवर, तरंग क्रासिंग, धर्मशाला बाजार, यातायात तिराहा, रेलवे स्टेशन, रोडवेज बस स्टेशन, यूनिवर्सिटी चौराहा, मोहद्दीपुर चौराहा, कूड़ाघाट, एम्स, नंदानगर, एयरपोर्ट.
रूट नंबर दो
झुंगिया बाजार, झुंगिया गेट, मेडिकल कॉलेज, मोगलहा, खजांची चौराहा, राप्ती नगर चौराहा, एचएन सिंह चौराहा, असुरन चौराहा, काली मंदिर गोलघर, कचहरी चौराहा, शास्त्री चौक, कमिश्नर कार्यालय, छात्रसंघ चौराहा, पैडलेगंज, मोहद्दीपुर, कूड़ाघाट, इंजीनियरिंग कॉलेज, रानीडीहा.
फिलहाल इन रूटों में वह 32 गांव अभी शामिल नहीं हैं जो नगर निगम की सीमा में शामिल किए गए हैं. हालांकि नगर आयुक्त ने आश्वस्त किया है कि इन गांवों के भी उन पॉइंट को संज्ञान में लिया जाएगा जहां से यात्रियों का आवागमन ज्यादा होगा. इससे जहां लोगों को फायदा होगा. वहीं, बसों की आमदनी में भी इजाफा होगा.