गोरखपुर :गोरखपुर में बाढ़ के प्रकोप के बीच एक बेटी ने अपने पढ़ने-लिखने के जुनून को इस कदर साबित किया कि अब प्रशासन से लेकर नेता, जन प्रतिनिधि तक उसे सम्मानित करने पहुंच रहे हैं. संध्या साहनी नाम की यह बेटी जिले के बहरामपुर गांव की रहने वाली है. वह11वीं कक्षा की छात्रा है. पढ़ने के लिए वह प्रतिदिन नाव से स्कूल आ-जा रही है. गोरखपुर की इस बिटिया के हौसले और जज्बे को देखकर हर कोई हैरान है.
बहरामपुर इलाका इन दिनों बाढ़ की चपेट में आ गया है. हाल ये है कि कई परिवार यहां से सुरक्षित जगह पर पलायन भी कर चुके हैं. इसी बहरामपुर के रहने वाले दिलीप सहानी जो कारपेंटर का काम करते हैं, उनके चार बच्चे हैं. संध्या सहानी उनकी सबसे बड़ी बेटी हैं. संध्या विज्ञान वर्ग से गोरखपुर राजकीय एडी कन्या विद्यालय में 11वीं में पढ़तीं हैं.
संध्या का स्कूल पिछले एक साल से कोरोना की वजह से बंद था. पिछले महीने जब स्कूल कॉलेज खुले तो बाढ़ की विभीषिका ने इनके गांव को हर तरफ से घेर लिया. लेकिन स्कूल जाने और पढ़ने के जुनून में वह पानी के वेग को भी चीरकर आगे बढ़ती गईं.
रेलवे में नौकरी और हवाई जहाज में सफर करना चाहती हैं संध्या
एक तरफ जहां गांव के दूसरे बच्चों ने स्कूल जाना बंद कर दिया, वहीं संध्या के मन में पढ़ाई के प्रति जो जज्बा था उसकी वजह से संध्या घर में बैठने के बजाय नाव से ही स्कूल आना जाने लगीं. संध्या रेलवे में नौकरी करना चाहती हैं. वह कहतीं हैं कि उसका घर 15 दिन से पानी में डूबा है. वह लोग छत पर जिदंगी गुजार रहे हैं.
स्मार्ट फोन न होने से घर से पढ़ पाना उनके बस की बात नहीं थी. स्कूल की दूसरी सहेलियों से पढ़ाई के बारे में हर रोज सुनकर संध्या ने फैसला लिया कि वह स्कूल जाएंगी. फिर उसने अकेले नाव से स्कूल आना-जाना शुरू कर दिया. संध्या का कहना है कि वह अपनी शिक्षा के जरिए अपने परिवार को मजबूत करना चाहतीं हैं.