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गोरखपुर: नदी की धारा मोड़ने को लेकर सपा ने बीजेपी पर लगाया लापरवाही का आरोप

उत्तर प्रदेश के गोरखपुर जिले में गोर्रा नदी की जलधारा को मोड़ने के कार्य में दूसरे वर्ष भी सफलता नहीं मिली है. वहीं मामले पर क्षेत्र के सपा नेता केंद्र की बीजेपी सरकार पर निशाना साध रहे हैं.

पार्टी के नेता लगा रहे आरोप प्रत्यारोप
पार्टी के नेता लगा रहे आरोप प्रत्यारोप

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Published : Jun 25, 2020, 1:12 PM IST

गोरखपुर:जिले के चौरी चौरा तहसील क्षेत्र के 52 गावों को बाढ़ की विभीषिका से बचाने के लिए सिंचाई विभाग पिछले दो वर्षों से भगने गांव के पास गोर्रा नदी की जलधारा मोड़ने का प्रयास कर रहा है. वर्तमान समय में गोर्रा नदी का जलस्तर बढ़ने के कारण वह दोबारा अपनी पुरानी स्थिति में बह रही है. मामले को लेकर समाजवादी पार्टी ने बीजेपी सरकार पर लापरवाही का आरोप लगाया है.

जलधारा मोड़ने का कार्य नहीं हुआ पूरा
चौरी चौरा तहसील क्षेत्र से होकर गुजरने वाली राप्ती व गोर्रा नदियों का जलस्तर के बढ़ने के साथ-साथ विधानसभा 326 के राजनीति दलों के बीच राजनीतिक एजेंडे भी बढ़ रहे हैं. कारण यह है कि ब्रह्मपुर क्षेत्र में गोर्रा राप्ती नदियों के तटबन्धों की वर्षों से मरम्मत का नहीं होना है. साथ ही भगने में गोर्रा नदी के जलधारा मोड़ने का कार्य भी अधर में लटका है. सरकार के करोड़ों रुपये पानी में बह गए हैं, लेकिन सफलता नहीं मिली है.

बीजेपी पर साधा निशाना
राजनीतिक दलों ने तटबन्धों की मरम्मत के लिए उपजिलाधिकारी को कई बार ज्ञापन दिया है. सपा नेता मुन्नीलाल यादव ब्रह्मपुर क्षेत्र में तटबन्धों की मरम्मत व नदी की धारा समय से न मोड़े जाने को लेकर लगातार बीजेपी सरकार पर निशाना साध रहे हैं. मुन्नीलाल यादव ने कहा कि बीजेपी सांसद जिले में एक चर्चित अस्पताल को कब्जा करने में लगे हुए हैं. वे जनता की समस्या को ध्यान नहीं दे रहे हैं. जनता पिछले 6 वर्षों में इन तटबन्धों की पिचिंग व मरम्मत की मांग कर रही है, लेकिन इस पर किसी का ध्यान नहीं दिया जा रहा.

ग्रामीणों को हो रही परेशानी
भगने में गोर्रा नदी की जलधारा मोड़ने के प्रयास में बीजेपी सरकार के करोड़ों रुपये पानी में बह गए. अब बीजेपी के जनप्रतिनि फिर से कहेंगे कि हमारी सरकार कार्य कर रही है, लेकिन वे लोग काम समय से नहीं कर सकते हैं. मानसून पूर्वांचल में प्रवेश कर चुका है. नदियों का जलस्तर बढ़ने से तटिय क्षेत्रों पर बसे ग्रामीणों को परेशानी हो सकती है. बावजूद इसके बीजेपी सरकार को इससे कोई मतलब नहीं है.

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