जनसंपर्क अधिकारी पंकज कुमार सिंह ने बताया. गोरखपुर: करीब 40 वर्षों से गोरखपुर-वाराणसी के लिए एक और रेल खंड की मांग की जा रही थी. अब सहजनवा-दोहरीघाट नई रेल लाइन की लोगों की मांग का असर दिखाई दे रहा है. इसकी आधारशिला तो अभी नहीं रखी जा सकी है. लेकिन मोदी सरकार में इस प्रोजेक्ट को वर्ष 2019 में 17 दिसंबर को स्वीकृति मिल गई थी. वर्ष 2023 में इस प्रोजेक्ट के तहत रेल पटरी बिछाने का कार्य भी शुरू हो जाएगा. जिसके लिए रेलवे ने जमीन अधिग्रहण के लिए 295 करोड़ रुपये जिला प्रशासन को दे दिया है. जिन गांवों की जमीन इसके लिए ली जानी है, उसका गजट भी जारी कर दिया गया है.
रेलवे लाइन निर्माण कार्य शुरू. 2027 तक प्रोजेक्ट होगा पूरा
गोरखपुर में सहजनवा-दोहरीघाट नई रेल लाइन के लिए 109 से अधिक गांवों की जमीन ली जाएगी. जबकि मऊ जनपद के मात्र 3 गांव इसमें शामिल होंगे. यह रेलवे लाइन घाघरा नदी पर भी गुजरेगी. जिस पर बनने वाले पुल समेत कुछ अन्य निर्माण के लिए बहुत जल्द रेलवे टेंडर की प्रक्रिया भी शुरू हो जाएगी. इस प्रोजेक्ट को वर्ष 2027 तक पूरा करना है. करीब 82 किलोमीटर के इस रूट में बसे लोगों को आजादी के बाद ट्रेन की यात्रा आसानी से करने को मिलेगी. जिले के दक्षिणांचल और तराई क्षेत्र से गुजरने वाली यह रेलवे लाइन निश्चित ही लाइफ लाइन ही साबित होगी.
मुख्य जनसंपर्क अधिकारी ने बताया
पूर्वोत्तर रेलवे के मुख्य जनसंपर्क अधिकारी पंकज कुमार सिंह ने इस प्रोजेक्ट के संबंध में ईटीवी भारत को बताया कि, इस रेलवे लाइन के निर्माण के लिए जिले के सहजनवा, खजनी और गोला तहसील के गांव की जमीन का अधिग्रहण किया जाएगा. सहजनवा तहसील के 13 गांव में 11 किलोमीटर रेल लाइन के लिए करीब 44 हेक्टेयर जमीन का अधिग्रहण अंतिम चरण में होगा. यहीं से रेल पटरी के बिछाये जाने का शुभारंभ होगा. इस रेल लाइन का निर्माण चरणवार होगा. जिसमें मिट्टी भराई के लिए एजेंसी नामित कर दी गई है. इसका भी कार्य जल्द ही शुरू हो जाएगा.
सहजनवा-दोहरीघाट नई रेल लाइन. सैकड़ों गांवों की जमीह होगी अधिग्रहीत
मुख्य जनसंपर्क अधिकारी ने बताया कि इस पूरे प्रोजेक्ट के लिए 112 गांव की 359 एकड़ भूमि अधिग्रहित की जाएगी. उन्होंने बताया कि पहले चरण में सहजनवा से पिपरौली तक वर्ष 2024 में रेल लाइन बिछा दी जाएगी. दूसरे चरण में पिपरौली से गोला बाजार तक 2025 तक और तीसरे चरण में गोला बाजार से दोहरीघाट तक वर्ष 2026-27 तक रेल लाइन बिछाकर आवागमन शुरू करने का प्लान रेलवे बोर्ड ने तैयार किया है. मुख्य जनसंपर्क अधिकारी ने बताया कि इस महत्वपूर्ण परियोजना के लिए लगभग 1320 करोड़ रुपए का बजट स्वीकृत है. प्राथमिक कार्यों के लिए रेल मंत्रालय 295 करोड़ मिल चुका है. निर्माण कार्य शुरू करने से पहले रेलवे प्रशासन शिलान्यास को लेकर भी अपनी तैयारी में जुटा है.
सरयू नदी पर भी बनेगा पुल
सूत्रों के अनुसार यह शिलान्यास संभवत लोकसभा चुनाव 2024 के मध्य नजर 2023-24 में कभी भी हो सकता है. इस नई रेल लाइन पर कुल 12 स्टेशन बनेंगे. जिनका स्थान तय कर लिया गया है. सहजनवा, पिपरौली, खजनी, उनवल, बैदौली बाबू, बांसगांव, उरूवा बाजार, बनवार पार, गोला बाजार, भरौली, बड़हलगंज और दोहरीघाट शामिल हैं. उन्होंने बताया कि सरयू नदी पर लगभग 1200 मीटर लंबा पुल भी बनेगा. पुल के निर्माण की प्रक्रिया भी आरंभ हो चुकी है. इसे शुरू करने के लिए टेंडर भी जारी कर दिया जाएगा.
बड़े और छोटे पुलों का होगा निर्माण
नई रेल लाइन पर दो उपरिगामी पुल, 15 अंडर पास, महत्वपूर्ण 11 बड़े पुल और 47 छोटे पुल का निर्माण किया जाना है. इस रूट पर भी ट्रेन की गति 160 किलोमीटर की होगी. मजबूत पटरी और डिस्टेंस सिग्नल के साथ रेल मार्ग का विद्युतीकरण भी हो जाएगा. इस रूट के बन जाने से गोरखपुर-वाराणसी के लिए जहां एक वैकल्पिक रेल मार्ग मिलेगा .वहीं वर्षों से जो विषय लोगों की जरूरत और राजनीति का मुद्दा थी. वह भी पूरा हो जाएगा. उन्होंने बताया कि इस रेलवे लाइन के बनने से 4 लाख से अधिक की आबादी को लाभ मिलेगा.
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