गोरखपुर:यात्रियों को बेहतर सुविधा देने के लिए तत्पर रहने वाला परिवहन निगम और उसकी बसें, खस्ताहाल वर्कशॉप की वजह से कई तरह की समस्याएं झेल रहा है. ऐसे में बात जब मुख्यमंत्री के शहर की हो तो समस्या पर गौर करना भी बेहद जरूरी हो जाता है. गोरखपुर का रोडवेज वर्कशॉप मौजूदा समय में बुरी तरह से पानी से लबालब भरा हुआ है. बारिश तो बारिश इधर से गुजरने वाले नालों का पानी भी बैकफ्लो करके वर्कशॉप में आ जाता है, जिसकी निकासी के लिए वर्कशॉप में पंपिंग सेट लगाना पड़ता है.
इस गंदे और जमे पानी में जहां बसें फंस जातीं हैं. वहां इनकी मरम्मत करना वर्कशॉप के कर्मचारियों के लिए बेहद कठिन कार्य हो जाता है. यही वजह है कि तमाम बसें मरम्मत के अभाव में खटारा ही सड़कों पर दौड़ती हैं, तो कभी मरम्मत के अभाव में बसें सड़कों पर समय से निकल भी नहीं पातीं. आलम यह है कि स्थानीय स्तर पर तो जैसे-तैसे जलभराव को दूर करने का उपाय अधिकारी करते हैं. लेकिन जो स्टीमेट बनकर शासन को जा रहा है. उसके समय से पास नहीं होने से यह समस्या लगातार बढ़ती जा रही है.
दरअसल, गोरखपुर बस अड्डे के वर्कशॉप में करीब 200 बसें मरम्मत के लिए आती जाती हैं. इसके अलावा अनुबंधित और बाहर के जिलों से आने वाली बसें भी यहां पर आती हैं. लेकिन जब वर्षा में यहां पानी भर जाता है तो काम करना बहुत मुश्किल हो जाता है. ऐसा भी नहीं है कि तालाब का रूप धारण करने वाला यह परिसर साल दो साल की कहानी बता रहा है, यह पिछले कई सालों से होता आ रहा है. लेकिन इसकी सुधि न जाने निगम और सरकार क्यों नहीं ले रही. जबकि इससे दोनों को मोटी कमाई होती है. कभी-कभी तो वर्षा में बसे जब फंसती हैं तो क्रेन से निकालना पड़ता है.