गोरखपुर: इंसेफेलाइटिस का प्रकोप गोरखपुर और आस-पास के तराई इलाकों में करीब चालीस साल से चला आ रहा है. वैसे तो इसका प्रभाव अन्य राज्यों में भी है, लेकिन सबसे ज्यादा प्रभावित गोरखपुर का तराई इलाका ही रहता है. हर साल यहां सैकड़ों की तादाद में बच्चों की मौत होती है, लेकिन आज तक इससे निपटने के लिए कोई गंभीर प्रयास नहीं हुआ है.
इंसेफेलाइटिस की समस्या से निपटने के लिए सचिव चिकित्सा शिक्षा रजनीश दूबे ने बीआरडी मेडिकल कॉलेज में की बैठक. इंसेफेलाइटिस की समस्या के चलते प्रमुख सचिव चिकित्सा शिक्षा रजनीश दूबे मंगलवार को गोरखपुर पहुंचे. सचिव ने बीआरडी मेडिकल कॉलेज में चिकित्सकों के साथ बैठक की.
इंसेफेलाइटिस की समस्या से निपटने के लिए की गई बैठक-
- जिले में इंसेफेलाइटिस बिमारी से हो रही बच्चों की मौत की समस्या से निपटने के लिए की गई बैठक.
- प्रमुख सचिव रजनीश दूबे ने व्यवस्था का जायजा लेते हुए दवाएं और साफ सफाई की भी समीक्षा की.
- बैठक में मेडिकल कॉलेज में आने वाले मरीजों को मिलने वाली सुविधाओं के बारे में विस्तृत चर्चा की.
- समीक्षा बैठक बीआरडी मेडिकल कॉलेज में की गई.
बैठक में जिलाधिकारी के विजयेंद्र पांडियन, डीजीएमई डॉ. केके गुप्ता, आचार्य बीआरडी मेडिकल कॉलेज डॉ. गणेश कुमार, डॉक्टर, और अधिकारी मौजूद रहे.