गोरखपुरःमहायोगी गोरखनाथ विश्वविद्यालय के प्रथम स्थापना समारोह में ब्रह्मलीन महंत दिग्विजयनाथ और राष्ट्रसंत ब्रह्मलीन महंत अवेद्यनाथ की स्मृति में बुधवार को 'भारतीय सेना में अग्निपथ' विषय पर सात दिवसीय संगोष्ठी का आयोजन किया गया. संगोष्ठी में लोगों को संबोधित करते हुए रिटायर्डमेजर जनरल अजय कुमार चतुर्वेदी ने कहा कि भारतीय सेना में शामिल होने जा रहे अग्निवीर देश की रक्षा में युवा शक्ति व अनुभव का संतुलन स्थापित करने के लिए सेतु का काम करेंगे. अग्निवीर बनना वह सुनहरा अवसर है, जो कौशल विकास और अनुशासन से दक्ष कर युवाओं को उनके भविष्य के लिए कई मार्ग प्रशस्त करेगा.
मेजर जनरल चतुर्वेदी ने पावर पॉइंट प्रेजेंटेशन के जरिए सेना में अग्निपथ योजना को लेकर कुछ लोगों द्वारा फैलाई गई भ्रांतियों को सहज तरीके से दूर किया. उन्होंने कहा कि अग्निपथ योजना को लेकर कुछ लोगों ने अपने स्वार्थ के लिए उपद्रव कराया था. हकीकत यह है कि देश की रक्षा में अग्निवीर बनने वाले युवाओं के पास चार साल के बाद अवसरों की भरमार होगी. अग्निवीर भर्ती को लेकर सेना की पहली रैली में ही साढ़े चार लाख आवेदन का आना इन शरारती व स्वार्थी तत्वों को युवाओं की तरफ से करारा जवाब है.
उन्होंने कहा कि हमारे देश की विविधता ही हमारी ताकत है. लेकिन हम उसका सही इस्तेमाल नहीं कर पा रहे हैं. अग्निवीर 'ऑल इंडिया-ऑल क्लास' भर्ती की योजना है और इसके माध्यम से हम अपनी विविधता की ताकत का सही इस्तेमाल कर पाएंगे. उन्होंने बताया कि न सिर्फ युवा पुरुषों को बल्कि युवतियों को भी अग्निवीर बनने का अवसर है. नेवी ने 20 फीसद अग्निवीर भर्ती महिलाओं के लिए आरक्षित कर दी है. सेना और वायुसेना ने भी आगे की भर्ती में ऐसा करने का इरादा जताया है.
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उन्होंने कहा कि 1999 के कारगिल वार के बाद के. सुब्रमण्यम की अध्यक्षता में बनी कारगिल रिव्यू कमेटी ने सेना में युवा शक्ति व अनुभव के संतुलन का जिक्र किया था. अग्निवीर योजना उसी के परिणाम स्वरूप है. उन्होंने बताया कि अग्निवीर के लिए उम्र सीमा साढ़े 17 से 21 वर्ष तय की गई है. लेकिन गत दो वर्ष कोरोना से प्रभावित होने के चलते 2022-23 की भर्ती में आयु सीमा में दो साल की छूट दी गई है.