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रवि किशन बोले- विरोधी कान खोलकर सुन लें, मैं गोरखपुर की माटी का लाल हूं - रवि किशन शुक्ला

बाहरी बताए जाने से नाराज गोरखपुर से भाजपा प्रत्याशी रवि किशन शुक्ला ने विरोधी दलों के नेताओं पर जमकर हमला बोला. उन्होंने कहा कि वह गोरखपुर की माटी के लाल हैं और चुनाव जीतकर यहीं रहने वाले हैं.

जनसभा को संबोधित करते भाजपा प्रत्याशी रवि किशन शुक्ला

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Published : May 11, 2019, 10:14 PM IST

गोरखपुर : भोजपुरी फिल्मों के सुपरस्टार और गोरखपुर से भाजपा प्रत्याशी रवि किशन शुक्ला ने गठबंधन प्रत्याशी समेत सभी विरोधी दलों पर जमकर हमला बोला. विरोधियों द्वारा बाहरी बताए जाने पर तिलमिलाए रवि किशन ने जनसभा में कहा कि विरोधी कान खोलकर सुन लें, वह गोरखपुर की माटी के लाल हैं. भोजपुरी भाषा उनकी पहचान हैं और वह सीएम योगी के चेले हैं, जो चुनाव जीतकर यहीं रहने वाले हैं.

जनसभा को संबोधित करते भाजपा प्रत्याशी रवि किशन शुक्ला.

इस वजह से तिलमिलाए रवि किशन

  • जनसभा को संबोधित करते हुए रवि किशन गठबंधन और सभी दलों पर आक्रामक दिखे.
  • विरोधी दलों द्वारा लगातार बाहरी बताए जाने से रवि किशन काफी तिलमिलाए हुए थे.
  • इस वजह से संबोधन के दौरान वह काफी गुस्से में दिखाई दे रहे थे.
  • रवि किशन ने कहा कि विरोधी कान खोलकर सुन लें, वह गोरखपुर की माटी के लाल हैं.
  • भोजपुरी भाषा उनकी पहचान हैं और योगी आदित्यनाथ के चेले हैं, जो चुनाव जीतकर यहीं रहने वाले हैं.
  • इस दौरान रवि किशन ने अपने मूल गांव की पहचान भी बताई.

गठबंधन को बताया लालची

  • रवि किशन ने कहा कि गठबंधन के लोग लालची और स्वार्थी हैं.
  • यह गठबंधन और महागठबंधन पूरी तरह समझ से परे है.
  • जो लोग एक-दूसरे को जीवन भर गाली दिए हों, वह पीएम मोदी के विजय रथ और देश के विकास को रोकना चाहते हैं.
  • वे लोग सफल नहीं होंगे. इसलिए मैं कहता हूं कि गठबंधन स्वाहा, वंशवादी लोग स्वाहा और परिवारवादी लोग स्वाहा.
  • सोने की चम्मच लेकर पैदा हुए लोग न किसी गरीब का दर्द जानते हैं और न किसी की मदद करना जानते हैं.
  • जनसभा में रवि किशन ने जनता के बीच अपनी तंगहाली और गरीबी को भी पेश किया.
  • रवि किशन ने बताया कि पहले किस तरह से उनका परिवार गरीबी में जीता था.
  • मां के तन पर सही साड़ी नहीं थी तो पिता की धोती भी फटी हुई थी.
  • फिर भी तमाम अवसरों के मिलने के बाद उन्होंने भोजपुरी भाषा को प्रेम किया और उसी के कलाकार बने.
  • वह चाहते तो हिंदी फिल्मों में भी भाग्य आजमा सकते थे, लेकिन अपनी मां को भोजपुरी भाषा में सुनते थे.
  • इस वजह से भोजपुरी भाषा को बढ़ाने के काम में वह लग गए.
  • इसी भोजपुरी भाषा के बल पर आज करीब 50 हजार परिवारों का चूल्हा जल रहा है.
  • मनोज तिवारी और दिनेश लाल यादव 'निरहुआ' जैसे कलाकार भी आज लोगों के बीच हैं.

भावनात्मक रूप से जनसभा को किया संबोधित

  • रवि किशन ने कहा कि पेट भरने के लिए जब ठिकाना मुंबई का बना तो मुंबई को भी कैसे भूला जा सकता है.
  • हालांकि, जब अपनों के बीच आने का अवसर मिला तो उसे भी कैसे छोड़ा जा सकता है.
  • रवि किशन ने जनता से सवाल किया कि आखिर आप बताइए कि जो लोग हमें बाहरी कह रहे हैं, जो लोग सीएम योगी और पीएम मोदी पर सवाल उठा रहे हैं, आखिर प्रदेश में और देश में उनकी भी सरकारें थी.
  • गोरखपुर में कितना विकास हुआ, आतंकवाद पर कितनी लगाम लगी, बावजूद इसके वह आपसे आपका वोट मांग रहे हैं.
  • भावनात्मक रूप से अपने संबोधन से रवि किशन ने जनता की तालियां जमकर बटोंरी.

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