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वायरल वीडियो पर गोरखपुर के सांसद रवि किशन ने विपक्षियों पर साधा निशाना

उत्तर प्रदेश के गोरखपुर जिले से सांसद और अभिनेता रवि किशन का एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है. वायरल वीडियो के बारे उन्होंने बताया कि यह विपक्ष की सोची समझी रणनीति है. किसी न किसी तरह विपक्षी उन पर निशाना साध रहे हैं.

गोरखपुर जिले से सांसद और अभिनेता रवि किशन
गोरखपुर जिले से सांसद और अभिनेता रवि किशन

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Published : May 18, 2020, 2:16 PM IST

गोरखपुर:फिल्‍म अभिनेता और गोरखपुर के सांसद रवि किशन का एक वीडियो इन दिनों खूब वायरल हो रहा है. उसमें वे किसी से भोजपुरी में पसीना महकने और महकाने की बात कहते नजर आ रहे हैं. रवि‍ किशन पर लॉकडाउन में मजदूरों के अपमान का आरोप लगाकर विपक्षी सोशल मीडिया पर इसे वायरल कर खूब निशाना साध रहे हैं. रवि किशन ने इस पर सफाई देते हुए वीडियो को तीन साल पुराना बताते हुए विपक्षियों की साजिश करार दिया है.

बीजेपी सांसद रवि किशन ने वायरल वीडियो पर दी सफाई.

वायरल वीडियो में उनकी कार में आगे की सीट पर प्रदेश सरकार की मंत्री स्‍वाति सिंह दिखाई दे रही हैं. वहीं रवि किशन कार में ड्राइवर की सीट के पीछे वाली सीट पर दाहिनी तरफ बैठे दिख रहे हैं. उनके बगल में एक बच्‍चा और पीछे कुछ लोग बैठे हुए हैं. उधर से रवि किशन भोजपुरी में कहते दिख रहे हैं कि इसमें इतना लोग ठेला दिए हो. यानी बैठा दिए हो.’ उधर से जवाब आता है कि इसी में बैठे थे और आपके पीछे-पीछे-पीछे दौड़ रहे हैं, तो क्‍या करें.

इसके बाद वो शख्‍स भोजपुरी में ही कहता है कि कोई उतरने का मौका ही नहीं दिया. फिर एक शख्‍स सफाई देता है कि बाकी लोग बाद में आ गए. इसमें हम दो-तीन लोग ही पहले से थे. इसके बाद रवि किशन कहते हैं कि तुम लोगों का पसीना ऐसा महक रहा है कि क्‍या बोलें. उधर से एक शख्‍स कहता दिख रहा है कि कन्‍हैया भैया के लिए दिन-रात दौड़ना पड़ रहा है. फिर रवि किशन कहते हैं कि अरे तो तुम लोग हमको ही सुंघाओगे. उसके बाद वे भोजपुरी में ही वीडियो को बंद करने के लिए कहते हैं.

इस पर रवि किशन ने सफाई देते हुए विपक्षियों पर निशाना साधा है. उनका कहना है कि किसी न किसी तरह विपक्षी उन पर निशाना साध रहे हैं, लेकिन उनकी मंशा पूरी नहीं हो पा रही है. उन्‍होंने बताया कि ये वीडियो तीन साल पुराना है. साल 2017 में यूपी विधानसभा चुनाव के समय वे प्रचार में जुटे थे. उसी समय का ये वीडियो है.

विपक्षियों पर निशाना साधते हुए कहते हैं कि उनके साथ कुछ कार्यकर्ता बैठे हुए हैं. भोजपुरी में ‘महकता’ का मत‍लब ‘महक’ यानी खुशबू से होता है. गांव की माटी के लोग मेहनत करते हैं और उनके पसीने से मेहनत की खुशबू आती है. उन्‍होंने कहा कि वे गांव की माटी से यहां तक पहुंचे हैं. वे जमीन से जुड़े हुए हैं. उन्‍होंने आमजन और भोजपुरी इंडस्‍ट्री के लिए कितना किया है, उनके व्‍यवहार और काम के बारे में किसी को पता करना है, तो वो गोरखपुर और इंडस्‍ट्री से पता कर सकते हैं.


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