गोरखपुर: अरबी कैलेंडर के मुताबिक रमजान का महीना दूनिया भर में सबसे पवित्र माना जाता है. जुमा का दिन हफ्ता की ईद माना जाता है. हर सप्ताह में जुमा की नमाज अदायगी के लिए खास तैयारियां की जाती है. इस महीने का तीसरा जुमा भीषण गर्मी के दौर से गुजरा. इसके बावजूद भी रोजदारों के हौसले बुलंद रहे. क्षेत्र की विभिन्न मस्जिदों में अकीदतमंदों की भारी भीड़ देखने को मिला.
गोरखपुर: इबादतों में गुजरा रमजान का तीसरा जुमा - गोरखपुर में मनाया गया रमजान का तीसरा जुमा
गोरखपुर में तीसरे जुमे की नमाज रोजदार अकीदतमंदों ने सिर झुका कर पढ़ी. हर एक सजदा रब को राजी करने के लिए किया. शहर से लेकर गांव तक की हर छोटी बड़ी मस्जिदों में अकीदतमंदों ने जुमा की नमाज अदा किया और अपने रब को राजी करने की कोशिश की. इसके साथ ईद की तैयारियां प्रारम्भ हो गईं.
इबादतों में गुजरा रमजान का तीसरा जुमा
रमजान का महीना, सबसे पवित्र महीना:
- माह ए रमजान का मुकद्दश महीना बरतकतों से भरा है अल्लाह अपने बंदों पर नेमतों की बारिश करता है.
- इस महीने का तीसरा जुमा भीषण गर्मी के दौर से गुजरा.
- भीषण गर्मी के बावजूद भी रोजदारों के हौसले बुलंद रहे.
- क्षेत्र की विभिन्न मस्जिदों में अकीदतमंदों की भारी भीड़ देखने को मिला.
- बाजारों में रौनक बरकार रही रोजदारों ने जरुरत के सामानों की जमकर खरीदी की.
- मुस्लिम धर्म गुरु हाफिज बदरुद्दीन अंसारी ने बताया कि यह महीना बरकत का महीना है.
- हाफिज बदरुद्दीन अंसारी ने कहा जो इस्लाम धर्म का संदेश है वही संदेश सभी धर्मों का संदेश है.
रमजान करीम के महीने में मुस्लिम समुदाय बुरे कामों को छोड़ कर सुफियाना रास्ता अख्तियार कर लेता है. तन मन धन से परवरदिगार की इबादत में मशगूल हो जाता है. मुस्लिम धर्म गुरु बताते है कि जुमा का दिन सप्ताह का ईद होता है. इस दिन नाम ए जुमा पढने की तैयारी सुबह से ही की जाती है.