गोरखपुर: पटरियों के चटकने, टूटने या फिर कोई अन्य समस्या होने पर दुर्घटनाओं को रोकने में अब रेलवे काफी कामयाब होगा. रेलवे में डिजाइन और रिचार्च तैयार करने वाली संस्था आरडीएसओ (रिसर्च डिजाइन एन्ड स्टैण्डर्ड ऑर्गनाइजेशन) ने एक ऐसी नई तकनीक बनाई है. एक ट्रैक से दूसरे ट्रैक तक रिकॉर्डिंग कार चलाई जाएगी. इस दौरान ट्रैक से सिस्टम को डाटा मिलता जाएगा और पता चलेगा कि कौन से ट्रैक को मेंटेनेंस की जरुरत है.
गोरखपुर: रेलवे की पटरियां अब खुद बताएंगी अपनी हालत, दुर्घटनाओं लगेगा विराम!
उत्तर प्रदेश में अब नई तकनीक के जरिए रेलवे ट्रैक के मेंटेनेंस का काम किया जाएगा. इससे दुर्घटनाओं को रोकने में काफी हद तक कामयाबी मिलेगी.
दुर्घटनाओं को रोकने में अब रेलवे होगा कामयाब.
दुर्घटनाओं को रोकने में अब रेलवे होगा कामयाब
- यह परिवर्तन आरडीएसओ में अपने ट्रैक टेस्ट सिस्टम में बदलाव करके किया है.
- पटरियों के चटकने और खिंचाव हो जाने और स्लीपर में किसी भी प्रकार की गड़बड़ी की समस्या काफी हद तक दूर हो जाएगी.
- रेलवे के सीपीआरओ पंकज कुमार सिंह की माने तो वर्तमान में व्यवस्था दो साल पर चलाई जाती थी, लेकिन अब इस नए सिस्टम के तहत इसे अनवरत रूप दिया जा सकेगा.
- इससे ट्रैक मेंटेनेंस में भी राहत मिलेगी और पटरियों के ठीक होने से हादसों पर भी रोक लगेगी.
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