गोरखपुर: शिक्षा के क्षेत्र में महाराणा प्रताप शिक्षा परिषद और गोरक्षपीठ के द्वारा किए गए अनुकरणीय योगदान की मंगलवार को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने खुले मंच से चर्चा की. उन्होंने कहा कि अंग्रेजी शासनकाल में जब देश तमाम तरह के संक्रमण की स्थिति से गुजर रहा था, उस दौरान गोरक्षपीठ के संत दिग्विजय नाथ जी महाराज ने 1932 में महाराणा प्रताप शिक्षा परिषद का गठन किया था.
सीएम योगी ने की महाराणा प्रताप शिक्षा परिषद के उद्देश्य और सफलताओं की चर्चा - maharana pratap education council
शिक्षा के क्षेत्र में महाराणा प्रताप शिक्षा परिषद और गोरक्षपीठ के द्वारा किए गए अनुकरणीय योगदान की मंगलवार को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने खुले मंच से चर्चा की.
सीएम योगी ने की महाराणा प्रताप शिक्षा परिषद के उद्देश्य और सफलताओं की चर्चा
उन्होंने कहा कि यह संस्था मौजूदा समय में पूर्वांचल में तमाम शैक्षणिक संस्थानों का एक बड़ा समूह बनकर शिक्षा के हर क्षेत्र में अलख जगा रही है. योगी आदित्यनाथ महाराणा प्रताप शिक्षा परिषद के संस्थापक समारोह को बतौर अध्यक्ष संबोधित कर रहे थे. यह कार्यक्रम गोरखनाथ मंदिर परिसर में ही आयोजित था. इसमें राज्यपाल आनंदीबेन पटेल बतौर मुख्य अतिथि थीं.
योगी आदित्यनाथ मौजूदा समय में गोरक्षपीठ के महंत हैं तो महाराणा प्रताप शिक्षा परिषद संस्था के मुखिया. इस संस्था के अधीन कुल 42 शैक्षणिक संस्थाएं संचालित हैं. यहां करीब 10 हजार छात्र-छात्राएं और करीब डेढ़ हजार शिक्षक अपनी सेवाएं दे रहे हैं. इन संस्थाओं के छात्र-छात्राओं के बीच प्रतिवर्ष शैक्षिक और खेलकूद गतिविधियों को लेकर प्रतियोगिता का आयोजन 4 से 10 दिसंबर के बीच चलता है. इसमें जो सफल होता है उसे एक भव्य समारोह के मंच से सम्मानित किया जाता है. ऐसे ही कार्यक्रम में सीएम योगी ने राज्यपाल आनंदीबेन पटेल की मौजूदगी में महाराणा प्रताप शिक्षा परिषद के उद्देश्य और सफलताओं की चर्चा की.
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