गोरखपुर: पिछले 32 वर्षों से गोरखपुर में खाद कारखाना की आस लगाए बैठे लोगों की उम्मीद 7 दिसंबर को पूरी होने जा रही है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) के हाथों यह नवनिर्मित खाद कारखाना लोकार्पित होगा. प्रधानमंत्री ने 22 जुलाई 2016 को इस खाद कारखाने का शिलान्यास भी किया था.
पीएम के दौरे को लेकर खाद कारखाने से जुड़े वरिष्ठ अधिकारियों का गोरखपुर में पहुंचना शुरू हो गया है. इसी कड़ी में हिंदुस्तान उर्वरक रसायन लिमिटेड (HURL) के एमडी अरुण कुमार गुप्ता गोरखपुर पहुंचकर तैयारियों का जायजा लिया. इस दौरान अरुण कुमार गुप्ता ने ETV BHARAT से प्रधानमंत्री के दौरे, लोकार्पण और कारखाने की उपयोगिता को लेकर खास बातचीत की.
8 हजार करोड़ से अधिक की लागत से बना खाद कारखाना
हिंदुस्तान उर्वरक रसायन लिमिटेड (HURL) के एमडी अरुण कुमार गुप्ता ने बताया कि खाद के उत्पादन से किसान और खेती को तो बड़ा लाभ होगा ही. इसके साथ ही HURL अपने सामाजिक दायित्वों को भी निभाएगा. जिसके क्रम में यूथ के बीच स्किल डेवलपमेंट का कार्यक्रम चलाना और उन्हें आगे बढ़ाना प्राथमिकता में शामिल है. उन्होंने बताया कि खाद कारखाने के निर्माण पर 8 हजार करोड़ से अधिक खर्च हुए हैं. यूरिया के साथ यहां अमोनिया का भी उत्पादन होगा. इस कारखाने के संचालन में अनुभवी लोगों के साथ युवा इंजीनियर भी साथ देंगे. उत्पादित खाद सरकार द्वारा तय मूल्य पर ही बिक्री के लिए बाजार में उपलब्ध होगी. रिकॉर्ड उत्पादन से इसके कालाबाजारी की संभावना भी कम होगी.
सामाजिक जरूरतों को भी पूरा करने की कोशिश रहेगी
अरुण गुप्ता ने कहा कि सामाजिक दायित्वों को पूरा करने के क्रम में 50 करोड़ रुपये का बजट आवंटित किया जा चुका है. इसके अलावा कोरोना काल में 80 लाख की लागत से हरनही और कैम्पियरगंज में ऑक्सीजन प्लांट लगाया गया है. एक गांव का विकास भी HURL गोद लेकर करने में जुटा है. उन्होंने कहा कि सिर्फ खाद का उत्पादन ही उनका लक्ष्य नहीं है बल्कि सामाजिक जरूरतों को भी पूरा करने की कोशिश रहेगी.