गोरखपुर: माह-ए-रमजान की तैयारियां शुरू हो गई हैं. इस दौरान मुस्लिम समुदाय पवित्र रमजान का एक महीना रोजा रखेगा. इस बार चांद दिखाई देने पर रमजान का आगाज 6 मई से होगा. वहीं चांद के न दिखाई देने पर 7 मई से रोजदार रोजा रखेंगे. इसकी तैयारियां शुरू हो गई हैं. इबादतगाहों में साफ-सफाई कराई जा रही है. तरावीह नमाज पढ़ाने के लिए शहर के करीब चार सौ मस्जिदों में हाफिज का चयन किया जा रहा है.
- अरबी पंचांग के मुताबिक साल का नौवां महीना सबसे सर्वश्रेष्ठ और पवित्र महीना रमजान करीम के नाम से पुकारा जाता है.
- रमजान में मुस्लिम समुदाय के लोगों का अधिकतर ध्यान उपवास रखने और रब की इबादतों में मशगूल रहता है.
- रोजा रखनेवाला रोजदार बुराइयों से दूर भागता है.
- गरीबों का विशेष ख्याल रखते हुए दान पुण्य किया जाता है.
- संसार में रहने वाले मुस्लिम समुदाय के लोग, जैसे सिया, सुन्नी, वहाबी, देवबंदी आदि के हर बालिग के ऊपर रमजान का पूरा रोजा रखना फर्ज है.
कैसे रखा जाता है रोजा-
- रोजा रखने के लिए सर्वप्रथम सूर्योदय और फजर के अजान से पहले (सहरी) भोजन करना चाहिए.
- अजान के साथ रोजा प्रारंभ होता है और पूरा दिन बिना भोजन निर्जल रहना पड़ता है.
- साथ ही दिनचर्या के कामकाज के साथ पांच वक्त की नमाज पढ़ना भी उतना ही आवश्यक है.
- सूर्यास्त के समय मगरिब के अजान के साथ ही उपवास का पारन यानी इफ्तार करना उसके बाद मन चाहा पकवानों का भोजन कर सकते हैं.
- थोड़ी देर बाद एशा के नमाज के पश्चात नमाज-ए-तरावीह पढ़ी जाती है.