गोरखपुर: सहजनवा से दोहरीघाट होते हुए काशी और प्रयागराज आने वाले समय में बहुत जल्द रेल मार्ग से जुड़ जाएंगे. करीब 40 वर्षों से इस रेल मार्ग की मांग और आवश्यकता तराई क्षेत्र की जनता के लिए महसूस की जा रही थी. इनके लिए गोरखपुर या अन्य किसी दूसरे शहर जाने का एकमात्र साधन चार पहिया वाहन या बस ही हुआ करती हैं, लेकिन पहली बार मोदी सरकार में इस रेल लाइन के लिए न सिर्फ बजट का प्रावधान हुआ है, बल्कि भूमि अधिग्रहण के लिए बजट जारी करते हुए तैयार किए गए ड्राइंग के अनुसार रेल लाइन बिछाने का काम भी तैयार हो चुका है. प्रोजेक्ट पर काम अंतिम दौर में है, जो भूमि अधिग्रहण के साथ आने वाले समय में बहुत जल्द शुरू होगा.
इस रेल लाइन के निर्माण पर करीब 1320 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे. इस प्रोजेक्ट की खास बात यह होगी कि गोरखपुर रेल यातायात सुविधा में काशी-प्रयागराज के लिए डबल रूट के विकल्प के रूप में भी उपलब्ध होगा. इस बहुप्रतीक्षित रेल लाइन के लिए जिला प्रशासन ने तेजी से जमीन अधिग्रहण का कार्य शुरू कर दिया है. पूर्वोत्तर रेलवे के मुख्य जनसंपर्क अधिकारी पंकज कुमार सिंह की मानें तो करीब 81.17 किलोमीटर लंबी इस रेल लाइन के लिए 2 जिलों की 5 तहसीलों के 111 गांव में जमीन अधिग्रहण किया जाना है. इसमें 104 गांव गोरखपुर के सहजनवा, खजनी, बांसगांव और गोला तहसील के हैं.
समय से जमीन मिल गई तो रेलवे 3 साल में लाइन निर्माण का कार्य पूरा कर लेगा. सहजनवा-दोहरीघाट रेल लाइन परियोजना का इंतजार जो कई वर्षों से इस क्षेत्र के लोग कर रहे हैं, उनकी आस इससे पूरी हो जाएगी. इस रेल लाइन के बन जाने से वाराणसी और बिहार के लिए एक और मार्ग तैयार हो जाएगा. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की प्राथमिकता वाली योजनाओं के कारण केंद्रीय स्तर से भी इसकी निगरानी की जा रही है, जिसके निर्माण पर करीब 1320 करोड़ रुपये की लागत आएगी.