गोरखपुर: श्रावण मास में धार्मिक पुस्तकों और पूजन सामग्री की बिक्री पर कोरोना वायरस का ग्रहण साफ दिखाई दे रहा है. कोरोना के कारण बाजारों में पूरी तरह से सन्नाटा पसरा हुआ है. धार्मिक पुस्तकों के साथ पूजा-पाठ की सामग्री की बिक्री पर भी बुरा असर पड़ रहा है. यही वजह है कि दुकानदारों को आर्थिक संकट से जूझना पड़ रहा है. दुकानदारों को उम्मीद थी कि श्रावण मास धार्मिक पुस्तकों और पूजन सामग्री की अच्छी बिक्री होगी इसीलिए उन्होंने काफी स्टॉक दुकानों और गोदामों स्टोर कर लिया था. बिक्री न होने के कारण इनको नुकसान उठाना पड़ रहा है.
पुजारी ही करा रहे मंदिरों में पूजा
श्रावण मास में धार्मिक पुस्तकों और पूजन सामग्री की बिक्री पर बुरा असर पड़ा है. इसकी वजह साफ है, शासन के निर्देश के अनुसार श्रावण मास में श्रद्धालुओं को घरों में रहकर पूजा-पाठ करने के निर्देश दिए गए हैं. यही वजह है कि मंदिरों में न तो श्रद्धालुओं की भीड़ दिख रही है और न ही बाजारों में धार्मिक पुस्तकों और पूजा पाठ के सामानों को खरीदने के लिए लोग आ रहे हैं. शासनादेश के अनुसार श्रावण मास में मंदिरों में श्रद्धालुओं के पूजा-पाठ और धार्मिक यात्राओं पर भी पूरी तरह से पाबंदी लगा दी गई है. मंदिर के पुजारी ही पूजा-पाठ करा रहे हैं. ऐसे में विश्व प्रसिद्ध गीता प्रेस रोड पर स्थिति दुकानों में धार्मिक पुस्तकों के साथ पूजा सामग्री की बिक्री भी पूरी तरह से ठप है.