गोरखपुर: जिले में अपराध और अपराधियों पर लगाम कसने के उद्देश्य से शासन ने सभी संबंधित अधिकारियों को निर्देशित किया है कि हिस्ट्रीशीटर और गैंगस्टर को चिह्नित कर कार्रवाई की जाए. इससे जनपद पुलिस की सक्रियता और बढ़ गई है. बीते बुधवार को जनपद में गैंगस्टर एक्ट के अंतर्गत कार्रवाई करते हुए कुल 89 अपराधियों को गिरफ्तार किया गया.
मामले की जानकारी देते एडीजी. 144 हिस्ट्रीशीटर हैं लापता
जिले में 1462 हिस्ट्रीशीटरो में से 144 हिस्ट्रीशीटर लापता हैं. ये हिस्ट्रीशीटर कहां हैं और क्या कर रहे हैं, इसके बारे में पुलिस को भी जानकारी नहीं है. इस सूचना ने पुलिस की सक्रियता और सतर्कता की पोल खोल दी है. प्रदेश सरकार ने आपराधिक गतिविधियों में लिप्त गुंडे, माफिया और हिस्ट्रीशीटरों के खिलाफ सख्त कार्रवाई के निर्देश दिए हैं. यह भी कहा है कि जितने भी हिस्ट्रीशीटर हैं, उनकी सख्त निगरानी की जाए. मालूम किया जाए कि वह कहां है और क्या कर रहे हैं. इसके बाद एडीजी दावा शेरपा ने सभी कप्तानों को सख्त निर्देश दिए कि थानेदारों और चौकी प्रभारियों के माध्यम से हिस्ट्रीशीटरों, माफिया और आपराधिक गतिविधियों में लिप्त गुंडों पर नकेल कसी जाए.
यहां पकड़े गए अपराधी
एडीजी के सख्त निर्देश के बाद बुधवार को हर थाने में गैंगस्टर एक्ट में अपराधियों के खिलाफ कार्रवाई की गई. जनपद के 89 गैंगस्टरों पर कार्रवाई करते हुए उन्हें जेल भेजा गया. तिवारीपुर से 8, खोराबार से 6, शाहपुर से 6, गोरखनाथ से 1, कैंपियरगंज से 2, सहजनवा से 2, गीडा से 2, चौरीचौरा से 6, झंगहा से 10, पिपराईच से 16, गुलरिया से 8, राजघाट से 10, बेलीपार से 4, बड़हलगंज से 3 और उरुवा से 3 गैंगस्टर को गिरफ्तार किया गया.
सबसे अधिक गैंगस्टर चौरीचौरा थाना क्षेत्र में
फिलहाल जनपद में सबसे अधिक गैंगस्टरों की संख्या चौरीचौरा थाना क्षेत्र में है. यहां 101 गैंगेस्टर हैं. दूसरे नंबर पर बड़हलगंज कोतवाली क्षेत्र है, जहां 84 हिस्ट्रीशीटर हैं. तीसरे स्थान पर झंगहा थाना क्षेत्र है. इस क्षेत्र में 82 हिस्ट्रीशीटर हैं. पुलिस लगातार इनकी निगरानी कर रही है.
ये बोले एडीजी
एडीजी दावा शेरपा ने बताया कि लगातार हिस्ट्रीशीटर, गैंगस्टर और माफिया पर कार्रवाई सुनिश्चित की जा रही है. उच्च अधिकारियों से वार्ता कर यह सुनिश्चित किया जाता है कि कितनी कार्रवाई की गई और कितनी शेष रह गए. बेहतर कार्य करने वाले अधिकारियों, थानाध्यक्षों और चौकी इंचार्ज को सम्मानित भी किया जाता है. ऐसे में पुलिस की निगरानी लगातार आपराधिक गतिविधियों में संलिप्त अपराधियों पर है.