गोरखपुर के उपनिदेशक (कृषि) अरविंद सिंह ने दी जानकारी. गोरखपुर : फर्जी कागजात के सहारे पीएम किसान सम्मान निधि पाने वाले किसानों के सामने अब अपना सम्मान बचाने का संकट खड़ा हो गया है. गोरखपुर जिले के 18000 फर्जी किसान थोड़े से धन की लालच में गलत तरीके से पीएम किसान सम्मान निधि की रकम लेते रहे. गोरखपुर के उपनिदेशक कृषि अरविंद सिंह के अनुसार, जब जांच में सच सामने आया तो 6000 फर्जी किसानों ने निधि की रकम वापस कर दी. मगर 12000 लोगों ने पैसा वापस नहीं किया. इन लोगों से कृषि विभाग ब्याज सहित रकम वसूली करेगा. कृषि विभाग, राजस्व विभाग और प्रशासन की टीम गांवों में जाकर वसूली का अभियान शुरू करेगी.
गोरखपुर में पीएम किसान सम्मान निधि में फर्जीवाड़ा करने वालों से होगी वसूली. गोरखपुर जिले में 4 लाख 58 हजार से ज्यादा लोग पीएम किसान सम्मान निधि का लाभ ले रहे हैं. पिछले पांच साल में करोड़ों रुपये इन किसानों के बीच बांटे जा चुके हैं. इनमें से कई लाभार्थी एक ही परिवार के हैं. जांच में यह सामने आया कि एक परिवार के मां, बेटा और बेटे की पत्नी तीनों योजना का लाभ ले रही हैं. जबकि ऐसा मामला भी सामने आया कि पीएम किसान सम्मान निधि के योग्य हकदार विभागीय पोर्टल और वेबसाइट पर रजिस्ट्रेशन नहीं करने के कारण इस योजना का लाभ नहीं ले सके.
गोरखपुर के उपनिदेशक (कृषि) अरविंद सिंह ने ईटीवी भारत को बताया है कि नवंबर 2022 तक जिले में किसान सम्मान निधि के आधार पर कुल 4 लाख 40 हजार किसान हकदार थे. इसी दौरान समीक्षा करने पर 18 हजार किसान फर्जी मिले. पिछले 6 माह में किसानों की संख्या करीब 89556 बढ़ी है. 2022 में ऐसे 6 हजार ऐसे लोगों ने विभाग को पीएम किसान सम्मान निधि का पैसा वापस कर दिया है. लेकिन अभी तक 12 हजार फर्जी किसानों ने अब तक पैसा वापस नहीं किया है. अरविंद सिंह ने बताया कि ऐसे किसानों को नोटिस दी जा रही है. पहली नोटिस पर जो पैसे वापस करने आएंगे, उनसे कोई ब्याज नहीं लिया जाएगा. अगर नोटिस दूसरी बार भेजनी पड़ी तो ऐसे किसानों को 18% ब्याज के साथ किसान सम्मान निधि की रकम ली जाएगी. धोखाधड़ी में शामिल ऐसे किसान, जो सम्मान निधि वापस नहीं करेंगे, उनके खिलाफ आरसी की कार्रवाई की जाएगी.
उपनिदेशक (कृषि) ने कहा कि फर्जी किसानों ने करीब 5 वर्षों में साढ़े चार करोड़ रुपए किसान सम्मान निधि का लिया है, जिनमें से मात्र डेढ़ करोड़ की वसूली हुई है. विभाग फर्जीवाड़े में शामिल किसानों से वसूली का अभियान शुरू करने जा रहा है. इसके साथ ही योग्य लाभार्थी किसानों की समस्याओं का भी समाधान मौके पर किया जाएगा. जो किसान सम्मान निधि पाने के हकदार हैं, मगर किसी तकनीकी कारणों से योजना का लाभ नहीं ले सके हैं, उन्हें स्कीम में शामिल किया जाएगा. विभाग योजना का लाभ दिलाने के लिए तहसील और ब्लॉक स्तर पर कैंप लगाकर किसानों को जोड़ भी रहा है.
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