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गोरखपुर: स्कूलों के खिलाफ अभिभावकों का प्रदर्शन, बोले- 'फीस तबसे, स्‍कूल जबसे' - भारत में बेरोजगारी

लॉकडाउन में सभी शिक्षण संस्थाएं बंद होने के बावजूद गोरखपुर में निजी स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चों के अभिभावकों पर फीस वसूली का दबाव बनाया जा रहा है, जिसके विरोध में अभिभावक सड़कों पर आ गए हैं.

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लॉकडाउन में फीस वसूलने के खिलाफ सड़कों पर उतरे अभिभावक.

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Published : Jul 17, 2020, 1:51 PM IST

गोरखपुरः गोरखपुर में एक बार फिर मनमानी फीस वसूलने वाले स्‍कूलों के ऊपर अभिभावकों का गुस्‍सा फूट पड़ा है. गोरखनाथ मंदिर से कुछ ही दूरी पर स्थित एक स्‍कूल के बाहर अभिभावकों ने प्रदर्शन किया. ‘फीस तबसे, स्‍कूल जबसे’ पोस्‍टर लेकर दर्जनों की संख्‍या में अभिभावकों ने स्‍कूल के बाहर विरोध-प्रदर्शन किया. उनकी मांग है कि स्‍कूल जबसे खुले हैं, तभी से बच्‍चों से फीस भी ली जाए.

लॉकडाउन में फीस वसूलने के खिलाफ सड़कों पर उतरे अभिभावक.

गोरखपुर पहुंचे बेसिक शिक्षा राज्‍यमंत्री स्‍वतंत्र प्रभार डॉ. सतीश चन्‍द्र द्विवेदी ने गुरुवार को ही ये साफ कर दिया था कि कोई अभिभावक परेशानी में हैं, तो स्‍कूल फीस के लिए दबाव नहीं बना सकता है, लेकिन उन्‍होंने ये भी साफ किया कि सरकारी कर्मचारी जिन्‍हें समय से वेतन मिल रहा है. वो अपने बच्चों की फीस जमा करा सकते हैं. इसके बावजूद गोरखपुर में अभिभावकों ने स्‍कूल के बाहर शांतिपूर्वक प्रदर्शन कर बगैर कक्षा संचालित फीस वसूलने का विरोध जताया.

शहर के सेंट जोसेफ स्‍कूल के बाहर भारी संख्‍या में अभिभावक जुट गए. अभिभावकों का आरोप है कि स्‍कूल की ओर से शिक्षण शुल्‍क के नाम पर रुपये जमा कराए जा रहे हैं, जिससे वो परेशान हो गए हैं. लिहाजा हाथ में ‘फीस तबसे, स्‍कूल जबसे’ स्‍लोगन लिखी तख्तियां लेकर सड़क पर उतर आए.

अभिभावक कृष्‍ण कुमार का कहना है कि मार्च से कामकाज बंद हो जाने से उन्‍हें पैसे नहीं मिले हैं. लॉकडाउन के कारण सारी कमाई ठप है. ऐसे में एक साथ दो बच्‍चों की 60 हजार रुपये फीस कहां से जमा करेंगे. उनका कहना है कि जुलाई से स्कूलों में फीस देंगे, लेकिन लॉकडाउन के समय की फीस मांगने का स्‍कूल दबाव न बनाएं.

अभिभावक कुसुम बताती हैं कि उनके पति बीमार हैं. वे आंगनबाड़ी में कार्यरत हैं. उनका मानदेय नहीं आया है. ऐसे में दो-दो बच्‍चों की फीस जमा करना मुश्किल है. उनका कहना है कि स्‍कूल प्रबंधन जबरन फीस जमा करने का दबाव बना रहा है. इसलिए उन लोगों को यहां पर विरोध दर्ज कराना पड़ा.

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