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गोरखपुर में 24 ट्रेनें निरस्त होने से यात्री बेहाल, कई ट्रेनें घंटों लेट होने पर प्लेटफार्मों पर भीड़

गोरखपुर में कोहरे की वजह से गोरखपुर में 24 ट्रेनें निरस्त होने से यात्री बेहाल हो गए हैं. वहीं कई ट्रेनें घंटों लेट होने से प्लेटफार्म पर यात्रियों का लोड काफी बढ़ गई है.

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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Dec 13, 2023, 6:34 AM IST

रेलवे की ओर से दी गई यह जानकारी.

गोरखपुर: पूर्वोत्तर रेलवे का मुख्यालय है गोरखपुर. चौदह प्लेटफॉर्म के साथ यहां का स्टेशन बहुत बड़ा है। लेकिन कोहरे इस रूट से गुजरने वाली दो दर्जन से ज्यादा ट्रेनों की न सिर्फ गति पर लगाम लगा दिया है बल्कि ये ट्रेनें निरस्त कर दी गई हैं. इससे यात्री बेहद परेशान हैं. वहीं, कई ट्रेनें घंटों लेट होने की वजह से प्लेटफार्म पर इंतजार करने वाले यात्रियों की संख्या काफी बढ़ गई है. सर्द रातें वह प्लेटफार्म पर बिताने को मजबूर हैं.

प्लेटफार्म पर यात्रियों की संख्या बढ़ गई.
पूर्वोत्तर रेलवे के मुख्य जनसंपर्क अधिकारी पंकज कुमार सिंह कहते हैं कि कोहरे पर लगाम लगाने के लिए ट्रेनों में फॉग सेफ डिवाइस लगाने की प्रक्रिया शुरू हो गई है. इससे ट्रेनों की लेट लतीफी में कमी आएगी, जो ट्रेन 60 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से चल रही है वह 75 किलोमीटर की रफ्तार से चल सकेगी. उन्होंने कहा कि प्लेटफार्म पर टिकट खिड़की के अलावा, एटीएम मशीन और मोबाइल ऐप के जरिए भी लोग टिकट प्राप्त कर सकते हैं. इसके लिए रेलवे के कर्मचारी भी लोगों को ऐप डाउनलोड करने में मदद कर रहे हैं.
ट्रेनें लेट होने से यात्री परेशान.
सीपीआरओ ने कहा कि फॉग सेफ डिवाइस लग रही है. यह डिवाइस सिग्नल के 500 मीटर पहले ही लोको पायलटों को सतर्क कर देती है. इस डिवाइस के लगने के बाद ट्रेनों को 75 किलोमीटर प्रति घंटे की स्पीड से चलाया जा सकता है, जबकि बिना इस डिवाइस के अधिकतम स्पीड 60 किलोमीटर प्रतिघंटा रखी जाती है. हर साल दिसंबर और जनवरी में घने कोहरे के चलते ट्रेनों का संचालन प्रभावित हो जाता है.

कई बार सिग्नल दिखाई नहीं देने की वजह से हादसों की भी आशंका बनी रहती है. इसे देखते हुए कोहरे से प्रभावित क्षेत्र में चलने वाली सभी गाड़ियों के इंजनों में फाग सेफ डिवाइस लगाए जा रहे हैं. इसके अलावा रेलवे स्टेशनों, क्राॅसिंगों और सिग्नलों पर पारंपरिक नियमों और संसाधनों को चालू रखा जाएगा. उन्होंने बताया कि फाग सेफ डिवाइस एक बैटरी ऑपरेटेड यंत्र होता है जिसे ट्रेन के इंजन में रखा जाता है. इसमें जीपीएस की सुविधा होती है. इस यंत्र में एक वायर वाला एंटीना होता है, जिसे इंजन के बाहरी हिस्से में फिक्स कर दिया जाता है. यह एंटीना इस डिवाइस में सिग्नल को रिसीव करने के लिए लगाया जाता है. कोहरे में ट्रेनों के संरक्षित एवं सुरक्षित संचालन सुनिश्चित करने के लिए सभी सावधानियां अपनाई जा रही हैं.



सीपीआरओ ने कहा कि यात्री सुविधा में बढ़ोतरी करने के लिए रेलवे लगातार अपने इंफ्रास्ट्रक्चर को बढ़ाने का प्रयास कर रहा है. इसके क्रम में ब्लॉक सिगनलिंग का भी कार्य बहुत तेजी के साथ हो रहा है जो छपरा से लेकर बाराबंकी तक होना है. बस्ती तक कार्य हो गया है. बाकी कार्य इस वित्तीय वर्ष में हर हाल में पूर्ण हो जाएगा जिससे ट्रेनों के निरस्तीकरण की संख्या में कमी आएगी और यात्री सुविधा बढ़ेगी. उन्होंने कहा कि रेलवे ट्रैक के दोहरीकरण और तिहरे ट्रैक बिछाने का भी कार्य पूर्वोत्तर के विभिन्न क्षेत्रों में चल रहा है. इसका लाभ यात्रियों को मिलेगा. फिलहाल कोहरे की वजह से जो ट्रेन निरस्त हुई है उससे यात्रियों की परेशानी बढ़ी है लेकिन इसमें भी रेलवे यात्रियों की सुविधा का ख्याल और मदद का उपाय कर रहा है.

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