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गोरखपुरः भटहट में लगा संसदीय स्वास्थ्य मेला, इलाज के लिए लगी लाइनें

गोरखपुर के भटहट में संसदीय स्वास्थ्य मेले का शुभारंभ मुख्य अतिथि कैम्पियरगंज के विधायक फतेह बहादुर सिंह ने दीप प्रज्जवलित करते हुए किया. इस मेले में 500 महिलाओं को सेनेटरी पैड भी वितरण किया गया. मेले में करीब 4 हजार लोगों ने पंजीकरण कराया और चिकित्सकीय सुविधाओं का लाभ उठाया.

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गोरखपुर के भटहट में संसदीय स्वास्थ्य मेले का शुभारंभ .

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Published : Jan 22, 2020, 8:18 AM IST

गोरखपुर: जनपद के भटहट में राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के तहत आयोजित दो दिवसीय संसदीय स्वास्थ्य मेले का उद्घाटन कैम्पियरगंज विधानसभा क्षेत्र के विधायक फतेह बहादुर सिंह ने किया. इस दौरान एडी हेल्थ सहित सीएमओ श्रीकांत तिवारी उपस्थित रहे.

दो दिवसीय स्वास्थ्य मेले का हुआ शुभारंभ

गोरखपुर जनपद के भटहट स्थित पटेल इण्टर कॉलेज के खेल मैदान में आयोजित दो दिवसीय निशुल्क संसदीय स्वास्थ्य मेले का शुभारंभ मुख्य अतिथि कम्पियरगंज के विधायक फतेह बहादुर सिंह ने दीप प्रज्जवलित करते हुए किया. कार्यक्रम के विशिष्ट अतिथि पिपराइच विधायक महेन्द्र पाल सिंह रहे. उद्घाटन के उपरांत मरीजों का पंजीकरण एवं ओपीडी, परीक्षण आदि का भी आगाज हुआ, जिसमें क्षेत्र के लोगों ने बढ़चढ़ कर हिस्सा लिया. स्वास्थ्य मेले में स्वास्थ्य संबंधित विभिन्न 58 स्टाल लगाए गये हैं, जिस पर सभी प्रकार के विशेषज्ञों द्वारा मरीजों का जांच, परामर्श, परिक्षण निशुल्क दवा आदि का वितरण किया जा रहा है. इस मेले में 500 महिलाओं को सेनेटरी पैड भी वितरण किया गया. मेले में करीब 4 हजार लोगों ने पंजीकरण कराया और चिकित्सकीय सुविधा का लाभ उठाया.

जानकारी देते सीएमओ


मेले में लगे 58 स्टॉल
स्वास्थ्य मेले में विभिन्न 58 स्टॉल लगाए गये हैं, जिसपर मरीजों की काफी भीड़ देखने को मिली. स्वास्थ्य संबंधित चलाई जाने वाली सभी योजनाओं से संबंधित जानकारी देने के लिए विभिन्न स्टाल लगाए गए थे, जैसे फिजीशियन, बाल रोग, सर्जन, आर्थो सर्जन, महिला रोग विशेषज्ञ, आयुष (आयुर्वेदिक) आयुष (होम्योपैथिक) नाक, कान, गला विशेषज्ञ, मानसिक रोग विशेषज्ञ, नेत्र रोग विशेषज्ञ, चर्मरोग विशेषज्ञ, एनसीडी (हृदय/कैंसर) दन्त रोग विशेषज्ञ, परिवार कल्याण, निशुल्क सनेटरी वितरण, आकस्मिक चिकित्सा राष्ट्रीय फाइलेरिया नियंत्रण कार्यक्रम, दवा वितरण, नसबन्दी कैम्प रजिस्ट्रेशन, राष्ट्रीय वेक्टर जनित रोग नियंत्रण कार्यक्रम, राष्ट्रीय अंधा नियंत्रण कार्यक्रम, एनसीडी कार्यक्रम, राष्ट्रीय कुष्ठ नियंत्रण कार्यक्रम, राष्ट्रीय क्षयरोग नियंत्रण कार्यक्रम, प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना, एच आईबी नियंत्रण कार्यक्रम टीकाकरण आयुष्मान भारत, दिव्यांग प्रमाण पत्र, पैथलाजी जांच आदि.
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स्वास्थ्य विभाग गर्भधारण से लेकर श्मशान तक देता है सेवा
सीएमओ श्रीकांत तिवारी ने जिले की स्वास्थ्य सेवा क्षेत्र की उपलब्धियों को रेखांकित किया और कहा कि स्वास्थ्य विभाग ‘’कंसेप्शन टू टांब’’ तक समाज के अंतिम व्यक्ति के साथ है. इसे विस्तार से समझाते हुए उन्होंने कहा कि जब मां के गर्भ में बच्चा आता है तो प्रसव पूर्व सभी जांचों की निशुल्क सुविधा, बच्चे के जन्म लेने के बाद डेढ़ साल तक निशुल्क टीकाकरण, बच्चा बड़ा होने पर राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम (आरबीएसके) के तहत स्वास्थ्य जांच की सुविधा, किशोरावस्था में राष्ट्रीय किशोर स्वास्थ्य कार्यक्रम के तहत जांच व इलाज की निशुल्क सुविधा दी जा रही है. यहां तक कि अस्पताल में मृत होने पर असमर्थ लोगों के शव ले जाने के लिए निशुल्क शव वाहन की सुविधा भी दी जाती है. आभार ज्ञापन मेला प्रभारी एसीएमओ डॉ. नीरज कुमार पांडेय ने किया. संचालन स्वास्थ्य शिक्षा अधिकारी श्वेता पाण्डेय ने किया.

स्वास्थ्य मेले में ये लोग रहे उपस्थित
कार्यक्रम के दौरान दर्जा प्राप्त राज्यमंत्री राधेश्याम सिंह, संयुक्त निदेशक स्वास्थ्य डॉ. गणेश यादव, एसीएमओ डॉ. आईवी विश्वकर्मा, डॉ. नंद कुमार, डॉ. एके प्रसाद, डॉ. एसएन त्रिपाठी, जिला क्षय रोग अधिकारी डॉ रामेश्वर मिश्रा, जिला मलेरिया अधिकारी डॉ. एके पांडेय, प्रभारी चिकित्साधिकारी डॉ. अश्विनी चौरसिया, उप जिला स्वास्थ्य शिक्षा अधिकारी सुनीता पटेल आदि रहे.

मैं आभारी हूं. सदर सांसद रविकिशन शुक्ल का जिन्होंने इस स्वास्थ्य मेले के लिए भटहट को चुना. सरकारी अस्पतालों में योग्य चिकित्सकों की कमी नहीं है. निशुल्क एवं सस्ती जांच व इलाज की सुविधा भी उपलब्ध है. इसके बावजूद लोग झोलाछाप चिकित्सकों के पास जाकर अपनी सेहत के साथ समझौता करते हैं. यह चिंता का विषय है. ऐसे लोगों को जागरूक कर सेहतमंद बनाना सभी का दायित्व है.
फतेह बहादुर सिंह, विधायक, कैम्पियरगंज

ऐसे मेलों का आयोजन दो दिन की बजाय तीन दिन के लिए होना चाहिए. इस संबंध में पत्र लिखा जाना चाहिए और वह खुद भी शासन को पत्र लिखने का प्रयास करेंगे. गंभीर बीमारियों के मामले में इस्टीमेट का 50 फीसदी मुख्यमंत्री विवेकाधीन कोष से भी मदद कराया जाता है.
महेन्द्र पाल सिंह, विधायक, पिपराईच

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