गोरखपुर के पेंटर रवि द्विवेदी ने हनुमान चालीसा की चौपाइयाें पर पेंटिंग तैयार की है. गोरखपुर : जिले के रवि द्विवेदी की उम्र 62 साल है. उन्हाेंने पेंटिंग का काेई प्रशिक्षण नहीं लिया है. इसके बावजूद हाथाें में ब्रश थामे जब उनकी अंगुलियां कैनवास पर चलती हैं ताे सभी हैरान हाे जाते हैं. वह हनुमान चालीसा के 40 चौपाइयों पर आधारित खूबसूरत पेंटिंग बना चुके हैं. खास बात यह है कि हर चौपाई पर उन्हाेंने एक पेंटिंग तैयार की है. इस तरह कुल 40 पेंटिंग वह मधुबनी स्टाइल में तैयार कर चुके हैं. इस कलाकार की बनाई पेंटिंग कई बड़ी हस्तियों काे स्वागत स्वरूप भेंट की जा चुकी हैं.
देश के पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद से लेकर कई प्रदेशों के राज्यपाल को इनकी बनाई पेंटिंग भेंट की जा चुकी है. रवि द्विवेदी भगवान गणेश और हनुमान जी के आराध्य भगवान राम की भी मधुबनी पेंटिंग बना चुके हैं. कुछ अद्भुत कलाकृति तैयार करने का काम जारी है. कला के क्षेत्र में अप्रशिक्षित और बैंक सेवा में रहते हुए मधुबनी पेंटिंग को कैनवास पर उतारने का इनका हुनर लाजवाब है. इनकी इच्छा अब मधुबनी पेंटिंग की एक प्रदर्शनी लगाने की है.
मधुबनी पेंटिंग के कलाकार रवि द्विवेदी ने बताया कि बैंक में नौकरी करने के दौरान वह पोट्रेट पेंटिंग बनाया करते थे. वह पेंटिंग आदि की प्रदर्शनी भी देखने जाते थे. इसी दौरान मधुबनी पेंटिंग के प्रति उनका झुकाव हाे गया. इसके बाद बजरंगबली की प्रेरणा से मधुबनी पेंटिंग का काम शुरू किया. ईटीवी भारत से बातचीत में उन्हाेंने बताया कि बजरंगबली के प्रति आस्था ने ही उन्हें पेंटिंग के इस कला में सफल बनाया. यही वजह है कि हनुमान चालीसा के 40 चौपाइयों के भाव को प्रदर्शित करती हुई पेंटिंग का विशाल संग्रह तैयार करने में उन्हें कामयाबी मिली.
तत्कालीन राष्ट्रपति काे भी भेंट की गई थी पेंटिंग :कला, संस्कृत, शिक्षा और गीता प्रेस जैसे संस्थान के लोग उनके इस हुनर काे बखूबी जानते हैं. यही वजह है कि पिछले वर्ष 2022 में तत्कालीन राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद जब गोरखपुर दौरे पर आए तो, उन्हें गीता प्रेस प्रबंधन ने रवि द्विवेदी की बनाई गई पेंटिंग भेंट की. योगी आदित्यनाथ, राज्यपाल आनंदीबेन पटेल, पूर्व राज्यपाल बीएल जोशी, राम नाईक, मालिनी अवस्थी, बिरजू महाराज, मुरली मनोहर जोशी, मुलायम सिंह यादव, अखिलेश यादव समेत कई नामचीन लोगों तक इनकी पेंटिंग पहुंच चुकी है. रवि द्विवेदी का भी ड्राइंग रूम बहुत सारी पेंटिंग से गुलजार है.
सनातन धर्म को गहराई से समझें लाेग :शहर के 10 नंबर बोरिंग निवासी रवि द्विवेदी ने श्रीराम और गणपति जी की भी एक-एक कलाकृति बनाई है. वह कहते हैं कि श्रीराम के बिना हनुमान की और हनुमान के बिना श्रीराम की कल्पना नहीं की जा सकती है. हिंदू धर्म के अनुसार किसी भी मांगलिक कार्य की शुरुआत के लिए भगवान गणेश की आराधना की जाती है. लिहाजा इन 2 पेंटिंग को इस संग्रह में जोड़कर मैंने इस कलाकृति को पूर्ण किया है. उनका कहना है कि मैं इन कलाकृतियों के माध्यम से समाज में एक नई पहल शुरू करना चाहता हूं. मैं चाहता हूं कि लोग हनुमान चालीसा को अब तक चौपाई के माध्यम से ही जानते थे, अब लाेग चित्रों के माध्यम से भी जाने. कलाकृतियों को बनाने का उद्देश्य यह भी है कि लोग आध्यात्म और सनातन धर्म को गहराई से समझें. मेरी इच्छा है कि इसकी एक प्रदर्शनी गोरखपुर के अलावा बनारस के संकटमोचन और अयोध्या में भी लगाई जाए.
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