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दिव्यांग बच्चों को मुख्यधारा में लाएंगे स्पेशल एजुकेटर - disabilities children

उत्तर प्रदेश के गोरखपुर जिले में दिव्यांग बच्चों को मुख्यधारा में लाने के लिए तीन दिवसीय आवासीय प्रशिक्षण को आयोजन किया है. इस कार्यक्रम के माध्यम से दिव्यांग बच्चों को तीन अलग-अलग तरीकों द्वारा जिले के सर्वश्रेष्ठ टीचरों द्वारा शिक्षा प्रदान की जाएगी.

स्पेशल एजुकेटर
स्पेशल एजुकेटर

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Published : Mar 23, 2021, 2:32 PM IST

गोरखपुर: मंडल में दिव्यांग छात्र-छात्राओं को शिक्षा की मुख्यधारा से जोड़ने के लिए कार्यरत स्पेशल एजुकेटर का साइन लैंग्वेज, ब्रेल रीडिंग एवं राइटिंग तथा इंटेलेक्चुअल डिसेबिलिटी विषय पर आधारित तीन दिवसीय आवासीय प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन सिविल लाइन स्थित अतिथि भवन में किया गया. इस कार्यक्रम में बतौर मुख्य अतिथि मंडलायुक्त जयंत नालीलकर ने दीप प्रज्वलित कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया. कार्यक्रम में सहायक शिक्षा निदेशक सप्तम मंडल सत्य प्रकाश त्रिपाठी भी मौजूद रहे. इस भव्य कार्यक्रम में जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी गोरखपुर बीएन सिंह, महाराजगंज ओपी यादव, देवरिया संतोष कुमार राय, कुशीनगर विमलेश कुमार, जिला प्रभारी समन्यवक समेकित शिक्षा गोरखपुर विवेक जायसवाल सहित बड़ी संख्या में मंडल के शिक्षक मौजूद रहे.

दिव्यांगजन को मुख्यधारा में लाने का लक्ष्य

समग्र शिक्षा के समावेशी शिक्षा कार्यक्रम के अंतर्गत गोरखपुर मंडल में कार्यरत स्पेशल एजुकेटर का साइन लैंग्वेज, ब्रेल लिपि एवं राइटिंग तथा इंटेलेक्चुअल डिसेबिलिटी विषय पर आधारित तीन दिवसीय आवासीय प्रशिक्षण कार्यक्रम को संबोधित करते हुए मंडलायुक्त जयंत नारलीकर ने कहा कि, आप सभी सौभाग्यशाली है कि आपको दिव्यांगजन को पढ़ाने का मौका मिला है. उन्हें पढ़ाने के लिए हमारे अंदर संवेदना होनी चाहिए. हम सभी का परम सौभाग्य कि हमारी यह भूमि संवेदना से भरी हुई है. बाबा गोरक्षनाथ, महान सूफी संत कबीर व महात्मा बुद्ध ने अपना आशीर्वचन दिया है. वहीं कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे गोरखपुर मंडल के एडी बेसिक डॉक्टर सत्य प्रकाश त्रिपाठी ने कहा कि इस प्रशिक्षण के माध्यम से बेहतर लाभ दिव्यांग जनों को मिलेगा जब दिव्यांगजन मुख्यधारा में आएंगे, और समाज व राष्ट्र के सामने एक अनुपम उदाहरण प्रस्तुत करेंगे तो हम सभी गौरवान्वित महसूस करेंगे.

दिव्यांग बच्चों को मिलेगी ट्रेनिंग

मीडियाकर्मियों से बात करते हुए मर्डर लाइव के जयंत नारलीकर ने कहा कि दिव्यांग बच्चों के लिए स्पेशल एजुकेटर आईएएस ट्रेनिंग मुख्य रूप से संवेदना पर है. हमारे स्पेशल एजुकेटरों को पहले अपनी संवेदना को जगाना होगा तथा सकारात्मक रहना होगा. मंडल मुखिया होने के नाते मेरा यह कर्तव्य है कि सभी को सरकारी योजनाओं का पूर्ण रूप से लाभ मिले. इसी उद्देश्य के साथ हम दिव्यांग जनों को मुख्यधारा में लाना चाहते हैं.

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तीन अलग-अलग तरीकों का होगा प्रशिक्षण

जिला प्रभारी समन्यवक समेकित शिक्षा विवेक जायसवाल ने बताया कि मंडल के 160 स्पेशल एजुकेटर द्वारा प्रतिभागी किया जा रहा है. इस कार्यक्रम में 3 तरह के प्रशिक्षण में क्रमशः श्रवनबधित, दृष्टिबाधित एवं मानसिक मंदित बच्चों के स्पेशल एजुकेटरों को अलग-अलग प्रशिक्षण प्रदान किया जाएगा. इसमें राज्य परियोजना कार्यालय से प्रशिक्षित किए गए मंडल के 9 स्पेशल एजुकेटर एवं सीआरसी गोरखपुर के विशेषज्ञ राजकीय दृष्टिबाधित इंटर कॉलेज एवं संकेत राजकीय मुख्य बधिर विद्यालय के विशेषज्ञ 3 दिनों तक स्पेशल एजुकेटर को प्रशिक्षित करेंगे.

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