गोरखपुरःरेल यात्रियों को सुरक्षित और बेहतर यात्रा उपलब्ध कराने के लिए पूर्वोत्तर रेलवे एक नई तकनीक के माध्यम से अपने लोको पायलट (loco pilot ) की निगरानी बढ़ाने जा रहा है. इसके माध्यम से लोको पायलट गाड़ी चलाते समय कोई भी लापरवाही बरतने की कोशिश नहीं करेंगे. सिग्नल ओवरशूट (signal overshoot) नहीं होगा और सही तरीके से ड्यूटी नहीं होने पर उच्चाधिकारियों की नजर में लोको पायलट लापरवाही करते पकड़े जाएंगे. दुर्घटनाओं को रोकने के लिए रेलवे की यह बड़ी पहल हो रही है. इसकी शुरूआत दिसंबर से होने की की उम्मीद है. करीब 50 लोको मोटिव इंजन में इस तकनीक को इंस्टॉल करने का रेलवे बोर्ड ने पूर्वोत्तर रेलवे को अप्रूवल दे दिया है.
पूर्वोत्तर रेलवे के मुख्य जनसंपर्क अधिकारी (Chief Public Relations Officer of North Eastern Railway) पंकज कुमार सिंह की माने तो रेलवे में सिग्नल ओवरशूट होने या ट्रेन कि अन्य दुर्घटनाओं में यह पाया गया है कि ट्रेन चलाते समय इंजन के चालक जो सहायक लोको पायलट के रूप में तैनात रहते हैं उसमें एक दूसरे के बीच बेहतर कम्युनिकेशन बनाने की जिम्मेदारी होती है. चलती ट्रेन के दौरान सहायक लोको पायलट पर ट्रेन के स्टेशन से गुजरने या ट्रेन के स्टेशन पहुंचने से पहले जो भी सिग्नल होता है. उसे सही ढंग से देखने और उसकी स्थिति को अपने पायलट को बताने की जिम्मेदारी होती है. इसमें कोई लापरवाही रेलवे स्वीकार नहीं करता है. पिछली कुछ घटनाएं ऐसी लापरवाही से हुई है. इसलिए अब इंजन में वीडियो और वॉइस रिकॉर्डर तकनीक को स्थापित किया जाएगा. जिससे सहायक लोको पायलट की ट्रेन संचालन के दौरान गतिविधि रिकॉर्ड हो पाएगी. इसे रेलवे के उच्च अधिकारी कभी भी देख सकेंगे. किसी भी दुर्घटना के समय इस रिकॉर्डिंग के आधार पर ट्रेन चलाने वाले ड्राइवरों की कमी और लापरवाही को पकड़ा जा सकेगा.