गोरखपुर: कोरोना की महामारी के बीच वित्तीय वर्ष 2020-21 में पूर्वोत्तर रेलवे ने कई क्षेत्रों में सफलता के नए कीर्तिमान स्थापित किए हैं. माल गाड़ियों की औसत गति से लेकर समय पालन, संरक्षा और पैरामीटर्स में कई रिकॉर्ड बनाए. इस वर्ष में सुधारों के फलस्वरुप लगभग 70% विद्युतीकरण का लक्ष्य रेलवे ने पूरा किया है, जिससे विद्युत इंजन से गाड़ियों का संचालन हो रहा है. इस व्यवस्था को अपनाए जाने से ईंधन की बचत के साथ पर्यावरण में भी सुधार हो रहा है. करीब 561.36 किलोमीटर रूट का विद्युतीकरण कार्य पूर्वोत्तर रेलवे में कोविड के दौरान हुआ. यह भारतीय रेलवे में दूसरा सर्वाधिक रिकॉर्ड है. रेल खंडों के विद्युतीकरण के बाद सबसे बड़ी चुनौती इसके कर्मचारियों को कार्य में दक्ष बनाने की रही, जिसके लिए कार्यशाला और प्रशिक्षण के कार्यक्रम के संचालन में भी पूर्वोत्तर रेलवे ने मिसाल कायम किया.
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भारतीय रेलवे में रिकॉर्ड
इसी प्रकार कोविड-19 के दौरान जब यात्री सेवाएं पूरी तरह रोक दी गई थी और आवश्यक सामग्रियों की आपूर्ति बनाए रखने के लिए यातायात चालू रखा गया था, तो लोडिंग-अनलोडिंग के मामले के त्वरित निस्तारण में भी पूर्वोत्तर रेलवे काफी आगे रहा है. यहां तक कि नए माल के ट्रांसपोर्टेशन में भी बांग्लादेश, नेपाल को ऑटोमोबाइल और एफएमसीजी के प्रोडक्ट भेजे गए. इस दौरान ऑटोमोबाइल लोडिंग में 80% की वृद्धि दर्ज हुई. बांग्लादेश को 21 ट्रेन रैक के माध्यम से ऑटोमोबाइल और एफएमसीजी के गुड्स भेजे गए. देश के विभिन्न हिस्सों में 84 रैक के माध्यम से सामानों को भेजा गया. इस दौरान पूर्वोत्तर रेलवे ने 445 पुराने आईसीएफ कोच को एनएमजी वैगन में परिवर्तित किया, जो भारतीय रेलवे में एक रिकॉर्ड है.
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