गोरखपुर: देश की कई पर्वत चोटी को फतह करने वाले पर्वतारोही नीतीश सिंह ने अफ्रीका महाद्वीप की सबसे ऊंची चोटी किलिमंजारो पर चढ़ाई पूरी करने के साथ वहां तिरंगा फहराया. यह कारनामा उन्होंने 26 जनवरी को किया. शहर के राजेंद्र नगर पश्चिमी निवासी नीतीश ने दिल्ली यूनिवर्सिटी के किरोड़ीमल कॉलेज से बीकॉम की पढ़ाई की है. वह गोरखपुर विश्वविद्यालय से बी.बी.ए. द्वितीय वर्ष के छात्र हैं. इस अभियान के लिए इस युवा पर्वतारोही को उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भारत का गौरव तिरंगा झंडा देकर माउंट किलिमंजारो को फतह करने के लिए रवाना किया था.
26 जनवरी को किलिमंजारो पर्वत पर नीतीश ने फहराया तिरंगा
उत्तर प्रदेश के गोरखपुर जिले के नीतीश सिंह ने अफ्रीका महाद्वीप की सबसे ऊंची चोटी किलिमंजारो पर 26 जनवरी को तिरंगा फहराया. विपरीत परिस्थितियों और माइनस 20 डिग्री का तापमान भी नीतीश के इरादे को डिगा नहीं सका.
विपरीत परिस्थितियों में भी फहराया तिरंगा
नीतीश गोरखपुर से 17 जनवरी को अपने मिशन के लिए निकले थे. वह 19 जनवरी को अफ्रीका महाद्वीप के तंजानिया शहर पहुंचे. पर्वतारोही नीतीश ने 23 जनवरी को अफ्रीका की सबसे ऊंची चोटी माउंट किलिमंजारो की चढ़ाई की शुरुआत की. वह 25 जनवरी को माउंट किलिमंजारो के बेस कैंप तक पहुंच गए थे. नीतीश 25 जनवरी की रात के 11:30 बजे माउंट किलिमंजारो को फतह करने के लिए निकल चुके थे. चोटी पर करीब 120 से 150 किलोमीटर की रफ्तार से हवाएं चल रही थी. शरीर जमा देने वाला माइनस 20 डिग्री का तापमान भी था. नीतीश ने 26 जनवरी यानि गणतंत्र दिवस के दिन सुबह 6:50 पर अफ्रीका के सबसे ऊंची चोटी माउंट किलिमंजारो (5895 मीटर) पर भारत का गौरव तिरंगा फहराया. नीतीश के अनुसार माइनस 20 डिग्री तापमान होने की वजह से उनकी उंगलियां पूरी तरह से जम गई थीं, जो अभी भी पूर्ण रूप से काम नहीं कर रही हैं.
इन लोगों ने की थी मदद
इस अभियान में नीतीश को किन्नर अखाड़ा की महामंडलेश्वर किरन नंद गिरी ने सहयोग दिया था. केयर फॉर यू संस्थान, सैंथवार मल्ल राजपूत ट्रस्ट, अखिल भारतीय पूर्वांचल महासंघ एवं मित्रों ने आर्थिक सहयोग किया था. नीतीश ने कहा कि अगर इन लोगों का सहयोग नहीं रहता तो वह इस लक्ष्य को प्राप्त नहीं कर सकते थे.