गोरखपुर: बड़े शहर का आकार लेता गोरखपुर अब लोगों की जरूरतों का बड़ा केंद्र भी बन रहा है. यही वजह है कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने नया गोरखपुर बनाए जाने का जो सुझाव गोरखपुर विकास प्राधिकरण को दिया था, उस पर काम बहुत तेजी के साथ चल रहा है. खास बात यह है कि 17 हजार करोड़ खर्च कर 6 हजार एकड़ क्षेत्रफल में बसाए जाने वाले नए गोरखपुर के लिए योगी सरकार ने तीन हजार करोड़ भी मंजूर कर दिया है. इस नए गोरखपुर में करीब 5 लाख लोगों को बसने और आवासीय सुविधा पाने का लाभ मिलेगा. गोरखपुर के पूर्वी और उत्तरी कोने पर एयरपोर्ट से कुशीनगर जाने वाली रोड पर नए शहर को बसाया जाने की परिकल्पना तैयार की गई है. जिसके लिए 60 गांव की जमीनों को चिह्नित किया जा रहा है. 32 गांवों को नगर निगम की सीमा में शामिल करने के बाद नई बसावट का दबाव लगातार बना हुआ है. जिसे देखते हुए सीएम योगी के मार्गदर्शन में प्रशासन और गोरखपुर विकास प्राधिकरण (जीडीए) ने नया गोरखपुर बसाने की परियोजना (New Gorakhpur Project) तैयार कर ली है.
गोरखपुर विकास प्राधिकरण ने फिलहाल 24 गांव की जमीन पर खरीद फरोख्त पर रोक लगाने जा रहा है. इसकी जद में लगभग 60 गांव के आने की उम्मीद है. जीडीए इन गांव की जमीन के लिए किसानों से पहले मीटिंग कर चुका है. शासन से इसके लिए 3000 करोड़ मिलने के बाद गोरखपुर विकास प्राधिकरण पर इस परिजनों को तेजी के साथ आगे बढ़ाने का दबाव बढ़ा है. यही वजह है कि मंडलायुक्त ने बैठक कर इस परियोजना को धरातल पर उतारने के लिए पहल तेज कर दिया है. गोरखपुर-टिकरिया- महाराजगंज रोड पर करीब 12 गांव और कुशीनगर रोड पर भी 12 गांव में किसानों के साथ मीटिंग हो चुकी है. लेकिन अभी तमाम गांव के लोग जमीन देने को तैयार नहीं है. ग्रामीण सर्किल रेट के चार गुना के बराबर मुआवजा मिलने और मौजूदा दौर की कीमत का मुआवजा चाहते हैं. गोरखपुर विकास प्राधिकरण के उपाध्यक्ष महेंद्र सिंह तंवर ने बताया कि विस्तार लेते गोरखपुर में लोगों के निवेश और बसावट की संभावना ज्यादा बढ़ी है. ऐसे में नए गोरखपुर की परिकल्पना को धरातल पर उतारना न सिर्फ जरूरी हो गया था बल्कि अब तो सरकार ने भी इसपर बजट की स्वीकृति प्रदान कर दी है. इसलिए इस प्रोजेक्ट को तेजी के साथ आकार देने का प्रयास शुरू हो गया है.