गोरखपुर:अगर आप गंभीर बीमारी से परेशान हैं और दवाओं से राहत नहीं मिल रहा है तो आप प्राकृतिक चिकित्सा अपना सकते हैं. शहर के आरोग्य मंदिर में दवाओं से नहीं मरीजों का इलाज हवा, पानी, मिट्टी और धूप से होता है. यहां देश विदेश से लोग इलाज कराने आते हैं. प्राकृतिक विधि से यहां असाध्य रोगों का इलाज होता है. राष्ट्रीय प्राकृतिक चिकित्सा दिवस पर इस मंदिर परिसर में मिट्टी लेपन से बड़ी संख्या में लोगों को रोगों से (Treatment of diseases by applying mud) निदान के प्रति प्रेरित किया जाता है. जिसमें, सैकड़ो की संख्या में लोग शामिल होते हैं. हालांकि, इसके लिए एक सप्ताह पूर्व से ही यह अभियान मंदिर परिसर में शुरू हो जाता है. आम बाजार में स्थित इस अद्भूत मंदिर में शारीरिक-मानसिक विकारों का भक्षण मिट्टी करती है. इस मंदिर में प्रकृति के माध्यम से सभी प्रकार के रोगों का उपचार होता है. धूप, मिट्टी, पानी और हवा ही यहां की दवा है. रोगों को समाप्त करने में योगासन और आहार-विहार का भी इसमें सहयोग लिया जाता है.
शरीर में ही रोगों को समाप्त करने की शक्ति
आरोग्य मंदिर के निदेशक डॉ. विमल मोदी का कहना है कि आमतौर पर लोग जानते हैं कि रोग मुक्ति का उपाय दवाएं हैं. जबकि शरीर में ही रोगों को समाप्त करने की शक्ति होती है. जिन तत्वों से हमारा शरीर बना है, अर्थात- पृथ्वी, जल, अग्नि, आकाश और हवा, उन्हीं के माध्यम से आरोग्य मंदिर में रोगियों की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाकर उन्हें विकार मुक्त किया जा रहा है. उन्होंने कहा कि वर्ष 1945 में 18 नवंबर को महात्मा गांधी ने प्राकृतिक चिकित्सा की पहल की थी और एक ट्रस्ट बनाया था. जिसको ध्यान में रखते हुए मोदी सरकार ने वर्ष 2018 में इस तिथि को राष्ट्रीय प्राकृतिक चिकित्सा दिवस के रूप में मनाने का निर्णय लिया है.
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