गोरखपुरः यदि इंसान के अंदर से इच्छा शक्ति जागृत न हो तो इंसान सपनों को साकार नहीं कर सकता. कुछ ऐसा ही किया है गोरखपुर के युवा रिनाउंड शूटर मुकीम सिद्दीकी ने तीन राष्ट्रीय और एक अंतरराष्ट्रीय पिस्टल शूटिंग में प्रतिभाग करने के बाद अब गोरखपुर में शूटरों की पौध तैयार करने में लगे हुए हैं. इसी जुनून की खातिर उन्होंने लाखों रुपये खर्च कर बकायदा शूटिंग एकेडमी खोली है. अपने खेल के अनुभव को युवा खिलाड़ियों के साथ साझा कर उन्हें राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय खेल के लिए तैयार कर रहे हैं.
सन 2008 से शूटिंग की शुरुआत करने वाले मुकीम सिद्दीकी पहले कलम के पुजारी हुआ करते थे. अमर भारती, जनसत्ता सहित कई अखबारों में अपनी लेखनी का लोहा मनवा चुके हैं, लेकिन कुछ और कर गुजरने के साथ शहर और परिजनों का नाम राष्ट्रीय फलक पर स्थापित करने की इच्छा शक्ति ने उन्हें पिस्टल शूटिंग की तरफ मोड़ दिया. मंडल और जिला स्तरीय प्रतियोगिता में प्रतिभाग करने के बाद 2011 में हरियाणा के फरीदाबाद में शूटिंग की ट्रेनिंग ली. 2012 में पिस्टल शूटिंग की मुख्यधारा में जुड़ने के बाद 2013 में पहले नेशनल में ही रिनाउंड शार्टलिस्ट हो गए. तीन राष्ट्रीय और एक अंतरराष्ट्रीय पिस्टल शूटिंग प्रतियोगिता में प्रतिभाग करने के बाद से अभी तक लगातार उन्होंने दर्जनों मेडल जीतकर पिस्टल शूटिंग में अपनी एक अलग पहचान बनाई है.