गोरखपुर: ममता बनर्जी के खास रहे प्रशांत किशोर के एक वायरल वीडियो और चैट से राजनीति हल्के में माहौल गरम हो गया है. वीडियो के वायरल होने और उसमें बंगाल चुनाव में ममता बनर्जी के हार को स्वीकार करने के प्रशांत किशोर के विचार को बीजेपी सांसद रवि किशन ने सत्य घटना बताया है. रवि किशन ने मीडिया से कहा है कि वायरल वीडियो से इस बात की पुष्टि हो गई है कि ममता बनर्जी बंगाल में बुरी तरह से हार रही हैं. उन्होंने कहा कि वह बंगाल चुनाव में प्रचार कर चुके हैं और चौथे चरण में शनिवार को भी मतदान हो रहा है, जिसमें मतदाताओं के रुझान इस बात की ओर साफ इशारा कर रहा है कि बंगाल से टीएमसी की सरकार उखड़ रही है. वहां भारतीय जनता पार्टी बड़े बहुमत के साथ सरकार बनाने जा रही है.
यूपी के गोरखपुर से सांसद रवि किशन बीजेपी पर तुष्टिकरण का आरोप रवि किशन शनिवार को गोरखपुर के बीआरडी मेडिकल कॉलेज पहुंचे थे, जहां मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ कोविड-19 की तैयारियों की समीक्षा बैठक अधिकारियों और जनप्रतिनिधियों के साथ करने वाले थे. इस दौरान उन्होंने प्रशांत किशोर और ममता बनर्जी के बीच में हुई बातचीत का मीडिया से जिक्र करते हुए कहा कि ममता बनर्जी और प्रशांत किशोर के बीच जो बातचीत हुई है उसमें दोनों यह स्वीकार कर रहे हैं कि बंगाल चुनाव में उनकी हार हो रही है. रवि किशन ने कहा कि ममता ने एक समुदाय विशेष के लिए हमेशा वहां आवाज उठाई. तुष्टीकरण और ध्रुवीकरण किया, जिसका आरोप भारतीय जनता पार्टी पर अनायास ही लगता रहा है. लेकिन आज सत्य सामने आ गया है, जिसे पूरा देश सुन रहा है. आने वाले 2 मई को बंगाल की बदली तस्वीर भी पूरा देश देखेगा.
रवि किशन ने कहा ममता बनर्जी उन्हें गुंडा कहती थीं
रवि किशन ने कहा कि उन्होंने बंगाल के अंदर अनगिनत चुनावी जनसभाएं की हैं. ममता बनर्जी उन्हें गुंडे की संज्ञा देती थीं. उनकी सभाओं के लिए हेलीकॉप्टर उतरने का परमिशन तक ममता नहीं देती थीं. लेकिन सत्य को और सच्चे इंसान को बहुत दिनों तक रोका नहीं जा सकता है. रवि किशन ने कहा कि भाजपा और उसकी नीतियों को बंगाल की जनता हाथों हाथ ले रही है. यही वजह है कि जहां भी प्रचार में भाजपा का कार्यकर्ता गया या पार्टी का कोई भी बड़ा नेता बंगाल के मतदाताओं ने उनका गर्मजोशी के साथ स्वागत किया. वहां के मतदाताओं में ममता बनर्जी की सरकार और उनके प्रति भरोसा होता, रुझान और झुकाव होता तो भाजपा की रैलियों में, जनसभा में उसके नेताओं को उमड़ता बंगाल का सैलाब नहीं मिलता. यही वजह है कि ममता और उनके सिपहसालार अब इस बात को मान चुके हैं कि उनकी हार बंगाल में हो चुकी है और भाजपा का कमल 2 मई को खिलने जा रहा है.