गोरखपुर:जिले के टेराकोटा के लिए लगी आधुनिक भट्ठी दूसरे ट्रायल फायरिंग में फ्लॉप हो गई. हालांकि कार्यदायी संस्था ने एक मौका और लिया है. भट्ठी में कच्चा माल, काला और बदरंग पकने के साथ ही टूटने-फूटने से कलाकृतियों को नुकसान पहुंच रहा है. माटी कला वोर्ड ने ईटीवी भारत की खबर का संज्ञान लेकर सफल ट्रायल करने के निर्देश दिए हैं.
पिपराईच ओडीओपी में शामिल टेराकोटा औरंगाबाद में लगी आधुनिक परम्परागत भट्ठी एक बार फिर ट्रायल फायरिंग में फ्लॉप साबित हो रही है. शासन के निर्देश पर कार्यदायी संस्था ने हस्त शिल्पियों से कलाकृतियों को खरीदा और तकनीकी विशेषज्ञों की मदद से गुरूवार को फिर ट्रायल फायरिंग किया, जिसका परिणाम शुक्रवार को असंतोषजनक रहा. कार्यदायी संस्था द्वारा पुनः कलाकृतियों को पकाने के लिए कोशिश की जा रही है.
ईटीवी भारत ने कुम्हारों की समस्या का संज्ञान लेकर खबर प्रकाशित की थी. जिम्मेदार सहित माटी कला बोर्ड ने खबर को संज्ञान में लिया और कार्यदायी संस्था को सफल परीक्षण करने के साथ मुख्यालय को सूचना देने का निर्देश दिया था.
पुनः लगाई जा रहीभट्ठी
योजना के अन्तर्गत जनपद के भटहट ब्लाक क्षेत्र के ग्राम पंचायत औरंगाबाद और गुलरिहा में दो लाख 42 हजार रुपए खर्च करके आधुनिक परम्परागत भट्ठी लगाई गई है. बता दें कि गुलरिहा में लगी भट्ठी में बीते 25 दिसंबर को कुम्हार राजन प्रजापति और रविन्द्र प्रजापति ने कार्यदायी संस्था के निर्देशन में ट्रायल फायरिंग किया था. पहली कोशिश में भट्ठी पूरी तरह फ्लॉप साबित हुई, जिसमें कुम्हारों का लाखों रुपये का नुकसान हुआ था. कुम्हारों की इस समस्या को ईटीवी भारत ने संज्ञान लेकर बीते 28 दिसंबर के अंक में टेराकोटा औरंगाब में आधुनिक भठ्ठी ट्रायल फायरिंग में फ्लॉप, दस्तकारों को लाखों का नुकसान, नामक शीर्षक से खबर को प्रमुखता से प्रकाशित किया था. जनपद के उच्चाधिकारियों सहित माटी कला वोर्ड ने प्रकाशित खबर का संज्ञान लेते हुए कार्यदायी संस्था को सफल ट्रायल कर सूचना मुख्यालय को प्रेषित कराने का निर्देश दिया.
औरंगाबाद मेंभट्ठीका तीन माह पहले हुआ था ट्रायल फायरिंग
लक्ष्मी स्वयं सहायता समूह के अध्यक्ष लक्ष्मी चन्द्र प्रजापति, सचिव मोहन प्रजापति, प्रधान प्रतिनिधि राकेश प्रजापति ने बताया कि टेराकोटा वर्कशॉप पर स्थापित आधुनिक भठ्ठी का ट्रायल फायरिंग तीन माह पहले हुआ था. इसमें पकाया गया माल पूरा काला हो गया. जिम्मेदारों ने यह कहते सही ठहराया कि माल क्षमता से कम पकाने पर ऐसा हुआ. भरपूर माल पकाने पर भट्ठी से बेहतर पकेगा और ईंधन की भी बचत होगी.