गोरखपुर: परिवार के भरण-पोषण के लिए देश और दुनिया के विभिन्न कोनों में जाकर, रोजगार करने वाले मजदूर जिन्हें 'माइग्रेंट लेबर' कहा जाता है, उनकी चिंता यूनाइटेड नेशन ने भी की है. UN के अधीन काम करने वाली आईओएम संस्था की निगरानी में गोरखपुर में माइग्रेंट रिसोर्स सेंटर खोला गया है. जहां से पूर्वांचल और पश्चिम बिहार के उन मजदूरों को मदद पहुंचाई जाएगी जो रोजगार के लिए या तो देश के किसी कोने में या फिर गल्फ कंट्री में जा रहे हों. यही नहीं इन जगहों पर पहले से कार्य करने वाले मजदूरों के सामने यदि किसी भी प्रकार की समस्या आ रही हो, चाहे वह रोजगार से संबंधित हो या वतन वापसी की, हेल्थ की समस्या हो या श्रम कानूनों के पालन की. जानकारी लगते ही यह सेंटर ऐसे मजदूरों को और उनके परिवारों को पूरी मदद पहुंचाएगा. गोरखपुर में यह सेंटर चिलुआताल थाना क्षेत्र के विकास नगर कॉलोनी में स्थापित किया गया है. जहां पर केंद्र और प्रदेश सरकार की प्रवासी मजदूरों को लेकर चलाई जा रही योजनाओं के साथ इसे आगे बढ़ाया जाएगा.
दुनिया के 154 देशों में UN माइग्रेंट्स पर कर रही कार्य
इस सेंटर की स्थापना के लिए आईओएम (इंटरनेशनल ऑर्गनाइजेशन ऑफ माइग्रेंट) के कंट्री हेड संजय अवस्थी जहां गोरखपुर पहुंचे थे, तो वहीं उत्तर प्रदेश सरकार के श्रम एवं रोजगार मंत्री स्वामी प्रसाद मौर्य की भी इसमें मौजूदगी रही. गोरखपुर में यह सेंटर राजेश मणि त्रिपाठी की देखरेख में चलाया जाएगा, जिनके पास पहले से ही मानव सेवा नाम की संस्था के द्वारा बड़े अभियान चलाने का अनुभव है. भारत-नेपाल से जुड़े मुद्दे हों या मानव तस्करी के, सभी को बड़ी सरलता से इन्होंने हल किया है.
इस सेंटर में प्रवासी मजदूरों से संबंधित सभी जानकारियों को प्रदर्शित किया गया है. साथ ही क्लस्टर हेड के माध्यम से इसकी जानकारी ब्लॉक से लेकर गांव तक पहुंचाई जाएगी. जिससे देश या विदेश में काम के लिए जाने वाले या काम कर रहे लोग किसी भी समस्या के समाधान के लिए यहां पहुंचेंगे तो उनकी पूरी मदद होगी. राजेश मणि ने बताया कि दुनिया के 154 देशों में यूनाइटेड नेशन माइग्रेंट लेबर के उत्थान और रोजगार पर काम कर रहा है, जिसके क्रम में गोरखपुर में शुरू हुआ यह सेंटर बड़ी उपलब्धि है.