गोरखपुरःकानपुर के प्रॉपर्टी डीलर मनीष गुप्ता की गोरखपुर पुलिस द्वारा पिटाई से मौत मामले में वह तस्वीरें सामने आ गई है. जिसमें पुलिसकर्मी होटल में मनीष और उनके दोस्तों की तलाशी लेते हुए दिखाई दे रहे हैं. होटल के कमरे में रामगढ़ताल थाना इंचार्ज जगत नारायण सिंह और सब इंस्पेक्टर अक्षय मिश्रा होटल के कर्मचारियों के साथ मनीष और उनके दोस्तों की आईडी चेक करते हुए दिख रहे हैं. वहीं, दूसरी फोटो में मनीष का दोस्त बैग खोलता हुआ दिखाई दे रहा है. दोनों फोटो में मनीष गुप्ता दिखाई दे रहे हैं.
फोटो के सामने आने के बाद यह साफ हो गया कि जब पुलिस होटल के रूम में घुसी तो मनीष गुप्ता सो रहे थे और ठीक हालत में थे. चेकिंग के दौरान ही मनीष ने अपने एक रिश्तेदार को फोन करके कहा था कि कुछ लोग आ गए हैं. फिर थोड़ी देर बाद मनीष ने कहा था कि पुलिस वाले आ गए हैं और माहौल बिगड़ रहा है.
होटल के कमरे में आईडी जांच करती पुलिस वहीं, मनीष की पोस्टमार्टम रिपोर्ट भी कई राज खोल रही है. सिर के बीच में 5x4 सेमी का घाव, दाहिने हाथ की कलाई पर डंडा मारने के निशान, दाहिने हाथ की बांह पर डंडे से पिटाई, बाईं आंख के ऊपरी हिस्से में चोट मिले हैं. मौत की वजह Antemortem Injury बताई गई हैं. इसे भी पढ़ें-Manish Gupta murder case : सीएम योगी ने मीनाक्षी को दी सरकारी नौकरी, केडीए में मिलेगी तैनाती
जबकि प्रदेश के एडीजी कानून-व्यवस्था प्रशांत कुमार कह रहे हैं कि कानपुर के कारोबारी मनीष गुप्ता की मौत गिरने से हुई है. होटल के कमरे में रुके उनके दो दोस्तों के पास आईडी थी और मनीष के पास शायद आईडी नहीं थी. उन्होंने भागने की कोशिश की और गिर गए. ये तो कुछ उसी तरह हुआ- 'मेरा क़ातिल ही मेरा मुंसिफ़ है, क्या मेरे हक़ में फ़ैसला देगा'
मनीष गुप्ता की पिटाई के बाद मौत के मामले में रामगढ़ताल थाने के एसएचओ जगत नारायण सिंह के साथ अक्षय मिश्रा, विजय यादव, राहुल दुबे, कांस्टेबल कमलेश यादव और प्रशांत कुमार को सस्पेंड किया गया है. लेकिन हैरानी इस बात यह है कि हत्या का मुकदमा सिर्फ तीन के खिलाफ दर्ज हुआ है. अभी इसके बाद कई पेंच और खुलेंगे और राज बाहर आयेगा.