गोरखपुरःबाढ़ के समय जिले को बचाने के लिए तैयारियां तेज दिखने लगी हैं. राप्ती नदी के बायें तट पर मलौनी बांध सुरक्षा का कार्य प्रारंभ हो गया है. इसके लिए 6,50,40,000 रुपये खर्च होंगे. जिले में बाढ़ के लिहाज से यह बांध बेहद संवेदनशील है. वर्ष 1998-99 इसी बांध के टूटने से क्षेत्र में बाढ़ ने तबाही मचा दी थी. वहीं, साल 2022 में भी 120 गांव बाढ़ से प्रभावित हो चुके हैं.
गौरतलब है कि राप्ती नदी खतरे के निशान से करीब 70 मीटर ऊपर तक बहती रही है. हालांकि, इस बंधे को चौड़ीकरण के साथ योगी सरकार में मजबूती देने के लिए पिचिंग का कार्य भी हुआ है. यही वजह है कि इसके नोज पिन (नदी की मुड़ती धारा की दिशा) को ठीक रखा जाता है, जिससे कटान न होने पाये. गण्डक बाढ़ मण्डल गोरखपुर के अधीक्षण अभियंता दिनेश सिंह ने बंधे पर चल रहे निर्माण का निरीक्षण कर जल्द से जल्द कार्य पूरा करने का निर्देश दिया है. इस कार्य के पूर्ण होने से राप्ती की बाढ़ से गोरखपुर शहर और एयरपोर्ट को सुरक्षित रखा जा सकेगा.
अधीक्षण अभियंता ने बताया है कि परियोजना के अंतर्गत ड्राई स्टोन बोल्डर पिचिंग के साथ, जीआई वॉयर क्रेट में बोल्डर भरकर लॉचिंग एप्रन बनाया जा रहा है. यहां कटर निर्माण कार्य डाउन स्ट्रीम में किया जाएगा. 31 मई 2023 तक कार्य पूर्ण करने का निर्देश भी शासन से मिला है. इसके आधार पर कार्य में तेजी बरती जा रही है. अगर कोई समस्या नहीं आई तो निर्धारित तिथि तक गुणवत्तापूर्ण ढंग से निर्माण कार्य पूर्ण कर लिया जाएगा.